राजनीतिक दलों में जहाँ हारने से मातम छा जाता है वहीं भारी जीत के बाद उभरते उम्मीदवारों में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाना टेढ़ी खीर जरूर है लेकिन भाजपा में तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री घोषित होने के बाद कोई बगावत इसलिए नही होगी क्योंकि भारतीय जनता पार्टी अपनी क्षमता से अधिक विस्तार किया है इसलिए कोई भी नेता को भले ही कोई पद नहीं भी दिया गया तो भी पार्टी छोङने का साहस नहीं करेगा। शंकर सिंह बघेला केशुभाई पटेल उमा भारती कल्याण सिंह यदुरप्पा शत्रुध्न सिंहा जसवंत सिन्हा आदि। कोई वापस आ गए तो कोई एकांतवास में है। भाजपा के पास तीनों राज्यों में 15 बहुत ही अहम पद है इसलिए सभी चहेतों को पद देकर संतुष्ट किया जा सकता है जैसे तीन मुख्यमंत्री छह उपमुख्यमंत्री तीन विधानसभा अध्यक्ष तो तीन प्रदेशों के अध्यक्ष पद अभी खाली है इसलिए भाजपा ने सांसदों मंत्रियों को विधायक बनाकर नयी राजनीति का एक ऐसा रणनीतिक खाका तैयार किया है कि लोकसभा चुनाव जीतने के लिए भी नये चेहरों जाति समिकरण तथा जीताऊ नेताओं को आगे किया जायेगा। चुनाव से पहले ही एक अजीबोगरीब रणनीति तैयार की जो तीनों राज्यों में बंफर जीत के बाद राजनीति के अलग मायने में गति देना होगा।
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- Admin
- December 9, 2023
- 2:05 am
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भाजपा में मुख्यमंत्री की घोषणा से बगावत नहीं होगी बल्कि
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