सम्माननीय मित्रों ! एनएसई एवं बीएसई को सरकारी जूवे एवं सट्टेबाजी के नाम से बदनाम उन धैर्यहीन लोगों ने किया है जो कभी मुम्बई और महाराष्ट्र में संचालित जहन्नुम नशीं दाऊद इब्राहीम के -“मटके के खेल ” को जानते और खेलते थे ! मैं समझता हूँ कि भारतीय एवं वैश्विक शेयर बाजार में लिस्टेड विशुद्ध प्रामाणिक शेयरों की संख्या अभी भी 90% है किन्तु शेष के 10% पैनिक शेयरों के कारण आज यह सर्वाधिक उन्नतिशील एवं प्रामाणिक उद्योग-समूह का प्लेटफार्म बदनाम है ! आप ध्यान देना-“प्ले+टफ+आर्म=प्लेटफार्म” अर्थात इस भावनात्मक एवं अनुसंधान के साथ धैर्य पूर्वक लडें जाने वाले कठिन युद्ध में कोई भी कुशल योद्धा विजेता होता है एवं अकुशल,अनुभव तथा अनुसंधान विहीन अधैर्यशाली जनों को अंततः निराशा,हताशा एवं बर्बादी के अतिरिक्त कुछ भी प्राप्त नहीं होता।
मित्रों ! आपने-“दवा-दारू” का संयुक्त नाम-प्रयोग होते कइयों बार देखा होगा ! जहाँ दवा शरीर को निरोग करती है,सभी के लिये अतिआवश्यक जीवन रक्षक पदार्थ है वहीं उसके विपरीत- “दारू” अमीरों के लिये बनी ऐसी चीज है जो गरीबों को और गरीब तथा अस्वस्थता देकर अंततः काल का ग्रास बनाती है ! बिलकुल इसी प्रकार लिक्विड एवं डेथ फंड,एसआइपी एवं अच्छे शेयरों अर्थात इक्विटी में निचले स्तर पर ली हुयी डिलेवरी आपकी नेटवर्थ को फौलाद के पहाड़ की तरह मजबूत बना सकती है वहीं-“वायदा अर्थात एफएण्डओ”ऐसी दारू है जिसने 99%लोगों को बर्बाद ही किया है।
प्रिय जनों ! मैं समझता हूँ कि किसी भी निवेशक को अपने अनावश्यक अतिरिक्त यूज-लेश फंड के साथ ही इक्विटी के बाजार में आना चाहिये अन्यथा उसे हानि होनी निश्चित है! और यहाँ भी अपने धन का लगभग अधिक से अधिक सेक्टरों की प्रसिद्ध-“स्माॅल-मिड एवं लाॅर्ज कैप”में आवंटन करना चाहिए।
एवं निवेश के पूर्व आपको कम्पनी के कम से कम पांच साल के-“वाई ओ वाई,एम ओ एम,एवं क्वाटरली रिजल्ट,कम्पनी के प्रमोटर्स की हिस्सेदारी,मार्जिन,देनदारी,शु
आप स्वयं ही विचार करें कि-“टाटा,बाटा,पारले,ब्रिटानिया
मित्रों ! हमारे आसपास सीमेन्ट,खाद्यान्न,वस्त्र,औषधि,
ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे निवेशक इस उद्योग अर्थात शेयर बाजार के अध्ययन के अभाव में प्रतिवर्ष अरबों लाख करोड़ रुपये व्यर्थ में गंवा देते हैं अभी 20दिसम्बर को ही 9 लाख करोड़ रुपये हमारे धैर्यहीन निवेशकों के कुछ घण्टों में डूब गये
इनसे लाभ किसको हुवा ? हमें इसपर भी ध्यान देने की आवश्यकता है कि-“हींडन बर्ग” जैसे शार्ट शेलर तथा अपना लाभ लेने को इच्छुक बुद्धिमान ट्रेडर निश्चित रूप से किसी भी शेयर के 10-15-20% बढ जाने पर उन्हें बेच कर लाभ ले लेते हैं किन्तु-“आधी छोड़ पूरी को धावै-आधी मिलै न पूरी पावै-थाली का भी व्यर्थ गंवावै” अर्थात अधिक लालची ट्रेडर्स को इस बाजार में हानी और मानसिक अवसाद के अतिरिक्त कुछ भी नहीं मिलता।
मित्रों ! ये मीठी सच्चाई है कि आज संसार के सभी विकसित, विकासशील एवं पिछडे देशों की अर्थव्यवस्था,मुद्रास्फीति, राजस्व निर्धारण प्रक्रिया एवं शेयर बाजार सभी के सभी भारतीय अर्थव्यवस्था,मुद्रास्फीति,रा
भारतीय जीएसटी कराधान व्यवस्था के साथ-साथ भारतीय ऑनलाइन मनी ट्रान्सफर की व्यवस्था का आज अमेरिका से लेकर रूस तक कायल है ! ये आश्चर्यजनक है कि शेयर बाजार, पेपर लेश मनी,जीएसटी आदि ऐसी उच्चकोटि की व्यवस्थाएं हैं जो धीरे-धीरे भारतीयों को स्वतःस्फूर्त राजस्व देने हेतु जाग्रत कर रही हैं और यही आज के भारत की उच्चतम सफलता का वह रहस्य है जिसके कारण आज हम विश्व गुरु बनने की दिशा में निरंतरता से अग्रसर हैं’ क्रमशः …..आनंद शास्त्री सिलचर, सचल दूरभाष यंत्र सम्पर्कांक 6901375971″
हमारा ऐप डाउनलोड करें
- Admin
- February 12, 2024
- 11:44 am
- No Comments
भारतीय इक्विटी और इण्डेक्स का कमाल विश्व बेहाल-(2) — आनंद शास्त्री
Share this post: