नई दिल्ली, 26 मार्च – भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने पहली बार देशभर के बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इस ऐतिहासिक पहल का उद्घाटन आज मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवेक जोशी ने नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में किया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत बिहार, पश्चिम बंगाल और असम से आए बीएलओ का पहला बैच दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में भाग ले रहा है। अगले कुछ वर्षों में आयोग का लक्ष्य 1 लाख से अधिक बीएलओ को प्रशिक्षित करना है, जिससे मतदान केंद्रों पर एक मजबूत और कुशल निर्वाचन प्रणाली सुनिश्चित की जा सके।
बीएलओ के लिए सतत और व्यावहारिक प्रशिक्षण
बीएलओ, जो मतदाता सूची प्रबंधन और मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, अब एक संरचित और आधुनिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य:
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 की विस्तृत जानकारी देना।
- बीएलओ को निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों से अवगत कराना।
- निर्वाचक नामावली को त्रुटि-मुक्त और अद्यतन करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं पर प्रशिक्षण देना।
- नवीनतम आईटी अनुप्रयोगों और डिजिटल टूल्स का उपयोग सिखाना, जिससे कार्यक्षमता बढ़ेगी।
मजबूत नेटवर्क और मास्टर प्रशिक्षकों की नियुक्ति
इस कार्यक्रम के तहत विधान सभा स्तर पर सुप्रशिक्षित बीएलओ को मास्टर प्रशिक्षक (Assembly Level Master Trainers – ALMT) के रूप में नियुक्त किया जाएगा। यह प्रशिक्षक अपने अनुभव और विशेषज्ञता का उपयोग कर अन्य बीएलओ को प्रशिक्षित करेंगे, जिससे पूरे देश में एक प्रभावी निर्वाचन प्रणाली का निर्माण होगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का पहला चरण और आगे की योजना
प्रशिक्षण कार्यक्रम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है, जिसमें पहले चरण में उन राज्यों को प्राथमिकता दी गई है जहां आगामी चुनाव होने वाले हैं। वर्तमान में, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के 109 बीएलओ, 24 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) और 13 जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) इस दो दिवसीय कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। आगामी चरणों में केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों के बीएलओ को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त का महत्वपूर्ण संदेश
इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए बीएलओ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्य सरकारों को एसडीएम स्तर के अधिकारियों को ईआरओ के रूप में नामित करना चाहिए, ताकि बीएलओ की नियुक्ति उनके कार्यक्षेत्र के स्थानीय निवासियों में से की जा सके।
उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20 के अनुसार केवल वही भारतीय नागरिक मतदाता बन सकते हैं, जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हों और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के सामान्य निवासी हों।
श्री कुमार ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वदलीय बैठकें आयोजित करने और निर्वाचक नामावली को सही और अद्यतन रखने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी ईआरओ या बीएलओ के खिलाफ कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, बीएलओ को घर-घर जाकर सत्यापन करने के दौरान मतदाताओं के साथ विनम्रता और सौहार्दपूर्ण व्यवहार करने की सलाह दी गई।
निष्कर्ष
यह पहल भारत निर्वाचन आयोग की दूरदृष्टि और प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसका उद्देश्य देशभर में 100 करोड़ से अधिक मतदाताओं के साथ एक मजबूत और निष्पक्ष लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बनाए रखना है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत की चुनावी व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाएगा, जिससे लोकतंत्र की जड़ें और भी गहरी होंगी।