भारत ने अब टाइम बम लिक्विड मार्बल बना लिया है जिसको लेकर पूरी दुनिया हैरान है।

गुवाहाटी। भारत ने अब टाइम बम लिक्विड मार्बल बना लिया है जिसको लेकर पूरी दुनिया हैरान है। यह कमाल आईआईटी गुवाहाटी के शोधकर्ताओं की एक टीम ने किया है। उन्होंने एक नॉन-स्टिकिंग, नॉन-वेटिंग लिक्विड मार्बल तैयार किया है। पानी में पानी में तैरता है और पूर्व-प्रोग्राम किए गए समय में इसकी सामग्री को जारी करता है। इस शोध को प्रतिष्ठित जर्नल एडवांस्ड फंक्शनल मैटेरियल्स में छापा गया है। इसको लेकर शोधकर्ताओं में से एक का कहना है कि आईआईटी गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने नैनो मिट्टी का उपयोग करके तरल मार्बल विकसित किया है। इसको दवा वितरण और रासायनिक प्रतिक्रियाओं के लिए पूर्व-क्रमादेशित किया जा सकता है।
टाइम बम लिक्विड मार्बल को ऐसे कर सकते हैं यूज
अभी हम पारंपरिक रूप से किसी भी बीमारी के इलाज के लिए, हम टैबलेट, कैप्सूल, सिरप, मलहम आदि के रूप में दवाएं लेते हैं। एक नियंत्रित दवा वितरण प्रणाली वांछित समय पर धीरे-धीरे विशिष्ट साइट पर आवश्यक खुराक देने के लिए एक अधिक कुशल तकनीक है। रिसर्चस के अनुसार दवा को उसके घुलनशील रूप में लोड करना और छोड़ना एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है- जिसे इस तरल मार्बल से हासिल किया जा सकता है।
एक नॉन-स्टिकिंग, नॉन-वेटिंग ड्रॉपलेट
शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि सामान्य बूंदों के विपरीत, एक लिक्विड मार्बल एक नॉन-स्टिकिंग, नॉन-वेटिंग ड्रॉपलेट है। यह एक छोटी बूंद को महीन हाइड्रोफोबिक कणों यानी पानी को दूर करने वाले कणों के साथ लपेटकर बनाया जाता है। जब पानी के पूल में रखा जाता है, तो तरल मार्बल्स को लुढ़का, निचोड़ा जा सकता है, और यहां तक कि बिना गिराए तैर भी सकता है। प्रकृति में पित्त बनाने वाले एफिड्स शहद के लेप से तरल मार्बल्स बनाते हैं जो वे एक पाउडर मोम में स्रावित करते हैं।
रासायनिक रूप से संशोधित
शोधकर्ताओं ने कहा कि लिक्विड मार्बल्स नरम गोलाकार ठोस होते हैं जिनका उपयोग उनके अंदर के तरल को बदलकर कई अनुप्रयोगों के लिए किया जा सकता है। कुछ उदाहरण सेंसर प्लेटफॉर्म, सॉफ्ट रोबोटिक्स, हीलिंग एजेंट, बायोसिस्टम्स आदि के क्षेत्र में हैं। इस खोज के बारे में बताते हुए डॉ मन्ना ने कहा कि प्रकाश, तापमान, बिजली जैसे उत्तेजना के जवाब में एक तरल संगमरमर से दवाओं की रिहाई की सूचना दी गई है। लेकिन समय-क्रमादेशित रिलीज अभी तक हासिल नहीं हुई थी। हमने जीवनकाल में रासायनिक रूप से संशोधित किया है जो कि पानी के कुंड पर तैरता तरल संगमरमर है।





















