नई दिल्ली. कनाडा से चल रहे टेंशन के बीच 41 राजनयिकों को भारत से हटा दिया गया है. विदेश मंत्री मेलानी जोली ने गुरुवार को कहा कि खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या पर विवाद के बीच कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों को वापस ले लिया है. उन्होंने कहा कि ओटावा जवाबी कदम नहीं उठाएगा. जोली ने कहा कि भारत ने राजनयिकों के चले जाने पर शुक्रवार तक उनकी आधिकारिक स्थिति को एकतरफा रद्द करने की धमकी दी थी. उन्होंने कहा, यह कदम “अनुचित और अभूतपूर्व था और राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन का स्पष्ट रूप से उल्लंघन करता है.
बता दें कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप लगाने के बाद से ही भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आई है और तब से दोनों देशों में तनाव चल रहा है. भारत ने पिछले महीने ओटावा से अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने के लिए कहा था. जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारतीय एजेंटों को जिम्मेदार बताया था. निज्जर को एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. भारत ने ट्रूडो के उन संदेहों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया है.
विदेश मंत्री जोली ने कहा, ‘भारत ने 20 अक्टूबर तक दिल्ली में 21 कनाडाई राजनयिकों और उनके परिवारों को छोड़कर बाकी के लिए एकतरफा राजनयिक छूट हटाने की अपने योजना का औपचारिक ऐलान कर दिया. हमारे राजनयिकों की सुरक्षा को देखते हुए हमने भारत से उनके सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की है. इसका मतलब है कि हमारे राजनयिक और उनके परिवार अब वापस चले आए हैं और वे अपने-अपने घर जा रहे हैं.’
बीते 18 सितंबर को हाउस ऑफ कॉमन्स में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद दोनों देशों के रिश्ते में खटास आ गई. दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री ने अपने देश की संसद में कहा था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारतीय एजेंसियों की संलिप्ता की जांच कर रही है. इसके बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया था. भारत ने पहले कनाडा सरकार के आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया और फिर कनाडाई राजनयिक को देश छोड़ने का आदेश दिया.