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असम के 26 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जिसमें डीमा हासाओ, बराक घाटी और होजाई की अवस्था गंभीर बनी हुई है।
एपीडीसीएल के एजीएम ने एक बयान में कहा कि जलस्तर बढ़ने से शिलचर के मालूग्राम और रंगपुर इलाकों में बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। जनता से इस संबंध में सहयोग करने का अनुरोध किया जा रहा है। 7002178162 व्हाट्सएप नंबर काछार जिला प्रशासन ने कालाबाजारी रोकने के लिए जारी किया है।
दीमा हासाओ की हालत गंभीर बनी हुई है। हाफलांग का सुंदर रेलवे स्टेशन पुरी तरह से तहस नहस हो गया है। ब्राडगेज का रेल लाइन, कई ब्रीज बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। कई जगह रेल लाइन के नीचे से मिट्टी साफ हो गई है। रेल लाइन हवा में झूल रहा है। कितने स्थानों पर भूस्खलन से ट्रैक पूरी तरह बर्बाद हो गया है। कई सुरंगों में मलवा भर गया है। पहाड़ लाइन में रेल सेवा कब तक शुरू होगी अनिश्चित है। भूस्खलन की चपेट में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। कुल मिलाकर दीमा हसाओ जिले में प्रकृति की विनाश लीला का वर्णन मुश्किल है। पहाड़ के निवासी एक ऐतिहासिक संकट के बीच बुरी दशा में समय व्यतीत कर रहे हैं।
बराक घाटी भी बाढ़ के पानी में बुरी तरह घिर चुकी है। काछार, करीमगंज, हाइलाकांदी तीनों जिले की दशा एक ही जैसी है। राष्ट्रीय राजमार्ग जलमग्न है, अनेकों विद्यालय भवन जहां लोग शरण लेते थे वो भी पानी में डूब गए हैं। एयरपोर्ट रोड उधारबन्द के निकट जलमग्न है, रंगपुर में सड़क पर पानी आ गया है। अन्नपूर्णा घाट बराक नदी का जल ओवरफ्लो कर रहा है। शिलचर कालाइन रोड डूबा हुआ है। आइजल रोड पर सोनाबाड़ीघाट के पास बाराक नदी ओवरफ्लो कर रही है। 200 से ज्यादा गांव काछाड़ जिले में जलमग्न है।
बराक घाटी में 22 हजार मैट्रिक टन चावल उपलब्ध है। पेट्रोल डीजल और खाद्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। मुख्यमंत्री डा. हिमंत विश्वशर्मा ने जनता से संयम बरतने की अपील की है।