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भोराखाई चाय बागान में एनसीसी द्वारा प्रशिक्षण शिविर, देश के लिए प्राण भी देना पड़े तो हम समर्पित- डा. राजीव मोहन पंत

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यशवन्त पाण्डेय, शिलकुड़ी 4 जनवरी। 3 असम बटालियन एनसीसी शिलचर द्वारा एनआईटी शिलचर में गत 1 जनवरी से शुरु हुआ तक दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर जारी है। गुरुवार को इस प्रशिक्षण शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में असम विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राजीव मोहन पंत उपस्थित होकर प्रशिक्षण का जायजा। इस अवसर पर 3 असम बटालियन एनसीसी शिलचर के कमान अधिकारी कर्नल अमोद चन्दना के अगुवाई में कुलपति डा. राजीव मोहन पंत का एनसीसी के केडेटो द्वारा जोरदार अभिवादन किया गया, साथ ही एनसीसी के कैप पहनाकर उन्हें सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में केडेटो को सम्बोधित करके हुए असम विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राजीव मोहन पंत ने कहा कि देश सेवा ही सर्वोपरी है, अगर देश के लिए हमें जान भी देना पड़े तो हम अपने प्राण का न्वौछावर करेंगे, केडेटो को मनोबल बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, हम एनसीसी के माध्यम से अनुशाषन क्या होता है यह सीखने को मिलता है, सन 1978 में मैं भी कैडेट के रूप में एनसीसी का प्रशिक्षण लिया हूं, आज भोराखाई बागान में फाईरिंग करने का प्रशिक्षण देखकर मुझे अपने देश बच्चों पर गर्व होता है, आज एनसीसी बच्चो को देश सेवा के सुअवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, उन्होंने और कहा कि एनसीसी में जो सीखा वह आजतक बरकरार है, जीवन में सफल होने के लिए अनुशासन बहुत जरुरी है, मैं भी समयानुसार सभी कार्य करता हूं, और आज इस एनसीसी के मंच से सभी को कहता हूं कि अनुशासन में रहकर काम करें तो आपको आगे बढ़ने से कोई रोक नही सकता है, उन्होंने कहा कि हमें सर्वप्रथम देश के लिए सोचना चाहिए, बाद में परिवार, देश ही सर्वोपरि है, हमें देश के लिए जान भी देना पड़े तो कोई हिचक नही होनी चाहिए, उन्होंने कहा कि हमने अपने जीवन में 1962, 1971 का युद्ध देखे हैं, बहुत से जवान देश के लिए बलिदान दिये है।
इस अवसर पर 3 असम बटालियन एनसीसी शिलचर के कमान अधिकारी कर्नल अमोद चन्दना ने कहा कि गत 1 जनवरी से बराकवैली विभिन्न स्कूल कालेजों के बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उन्हें शारीरिक प्रशिक्षण, योग, हथियार चलाना, ड्रिल, फायरिंग, सैन्य रणनीति समेत सिखाया जाता है।  उन्होंने कहा इससे पहले भी दिसम्बर महीने में 10 दिन का प्रशिक्षण दिया गया था जिसमें हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन किया था,  जिसमें हिस्सा लेने वाले 650 केडेटो को एके 47, 5-56 राइफलें, लाइट मशीन गन, 7.62 मीडियम मशीन गन, रॉकेट लॉन्चर, नाइट विजन गॉगल्स और डिवाइस शामिल हैं। दूसरे चरण में आरंभ हुआ इस प्रशिक्षण शिविर में सभी केडेटों को शारीरिक तौर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, एनसीसी संबंधित सभी विषयों से प्रशिक्षित किया जा रहा है, उनमें देशभक्ति का ज्ञान दिया जा रहा है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जर्मनी, जापान, अफ्रीका में दो साल यह प्रशिक्षण लेना अनिवार्यता है, हमारे देश में भी अग्निवीर स्कीम शुरु हुई है, यह बहुत सुन्दर और व्यवस्थित है, इसमें उठना बैठना, चालचलन और अनूशासन सीखने को मिलता है, अगर बच्चे ढंग से रहे तो बाहर भी काम कर सकते है।

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