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दुमदुमा 3 जनवरी : अरुणाचल प्रदेश के तेजु जिले में अवस्थित हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है परशुराम कुंड। परशुराम कुंड एक हिंदू तीर्थस्थल है जो लोहित नदी के निचले इलाकों में मिश्मी पठार के तेलु शती/तैलुंग क्षेत्र में स्थित है,। हर वर्ष काफी तादाद में श्रद्धालु की भीड़ परशुराम कुंड में डुबकी लगाकर अपने को धन्य मानते हैं। मान्यता यह है कि भगवान परशुराम ने अपने पिता के आदेश पर किए मातृ हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए से पुरे संसार का भ्रमण किया पर उन्हें कहीं मुक्ति नहीं मिली। आखिर में अरुणाचल प्रदेश के तेजु जिला में अवस्थित लोहित नदी में उनकी हाथों का फरसा छुटी। तब से मान्यता है कि इस कुण्ड में स्नान करने से सभी प्रकारों के दोषों से मुक्ति मिलती है।आज जहां महाकुंभ मेले को लेकर केन्द्रीय तथा राज्य सरकार प्रचार प्रसार करती है उसके अनुरूप परशुराम कुंड तीर्थ स्थल को प्रचार नहीं किया जा रहा है।आज के समय में अरुणाचल प्रदेश में पर्यटन स्थल बहुत सारे हैं जिसका प्रचार प्रसार के बिना लोगों में अक्षुता रह जाती है। भगवान परशुराम की नव निर्मित प्रतीमा का उद्घाटन गृहमंत्री अमित शाह द्वारा किया गया था इस तीर्थ क्षेत्र विकास कि बात कही गई थी।आज भी चौखम से परशुराम कुंड जाने के रास्ते संकीर्ण एवं ज़रा जीर्ण अवस्था में है।इस परशुराम कुंड तीर्थ स्थल में देश विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं। तिनसुकिया रेलवे स्टेशन से गाड़ी पकड़ कर तिनसुकिया ASTC बस स्टैंड से प्रायः बस उगंर कि सुविधा मिलती है जो दुमदुमा रुपाई साइडिंग होते काको पथार नामसाई चौखम से परशुराम कुंड जाने कि रास्ते है एवं रोइंग तथा शदिया चैनपुरा होते हुए आलू बाड़ी अथवा तेजू से भी तीर्थ यात्री अपने गन्तव्य स्थान पर पहुंच सकते हैं। इस बार प्रशासन ने उत्तर पूर्वांचल का महाकुंभ मानाने का निर्णय लिया है जो १२ जनवरी से विधीवत शुरू होगी १६ जनवरी को समापन होगा। भारत के विभिन्न जगहों से साधु सन्यासीयो का पवित्र स्नान के लिए जमावड़ा देखने को मिल रहा है।