सम्माननीय मित्रों ! राज्यस्तरीय न्यायपालिका एवं सर्वोच्य न्यायपालिका ने एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण निर्णय देकर हमारे अपने बांग्ला भाषी लोगों को पुनश्च गम्भीर समस्याओं की गहरी खन्दक में ढकेल दिया है ! बांग्ला देश से आये हमारे बंगबन्धुओं को आज अपने उन समभाषी मुस्लिम लोगों की आतंकवादी एवं अतिक्रमणकारी गतिविधियों के कारण चिंतित होना पडा जिन्होंने पूर्वोत्तरीय तथा पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों से भारत में अवैध घुसपैठ कर केवल यहाँ ही नहीं अपितु समूचे भारत का जनसांख्यिकी मानचित्र बदल कर रख दिया।
ये आपको स्वीकार करना होगा कि पाकिस्तान सीधे-सीधे आतंकवाद फैलाकर भारत को घायल करता है जबकि बांग्लादेश मित्र देश होने का ढोंग कर अपने यहाँ हिन्दू बांग्ला भाषियों की सम्पत्ति-“शत्रु सम्पत्ति”के नाम पर लुटता है तथा अपने यहाँ के मुस्लिम कचरे को भारतीय सीमाओं में ढकेल कर बगुले की तरह भारत-भक्त होने का ढोंग करता है।
और कुछ ऐसी ही गतिविधियों के द्वारा म्यांमार ने अपने यहाँ के रोहिंग्या मुस्लिम कचरे को भारत मे मीजोरम तथा बांग्लादेश के गलियारे से यहाँ उलीच दिया ! और ये दुष्ट समूचे भारत में फैलकर आज आतंकवाद के पर्याय बन चुके ! पाठकों से अनुरोध है कि कृपया ध्यान दें-“रोहिंग्या आतंकवादी भी बांग्ला बोलते हैं” आज समूचा भारत जिस आतंकवाद की आग में जल रहा है इसमें बांग्ला देशी तथा रोहिंग्या मुस्लिमों का समान कुकर्म सम्मिलित है ! यहाँ असम के मुख्यमंत्री जी का वक्तव्य अत्यंत ही उल्लेखनीय है कि -“असमिया मुस्लिम”असम राज्य के-“भूमि पुत्र”हैं अतः उनको यहाँ का नागरिक मानने में कोई भी आपत्ति नहीं है ! और वैसे भी ये कडवी सच्चाई है कि असमिया मुस्लिमों का कोई भी उल्लेखनीय आतंकवादी अथवा अलगाववादी इतिहास नहीं रहा है अतः उनके विरुद्ध इस संदर्भ में मैं कुछ भी कहना अनुचित समझता हूँ।
मित्रों ! लगभग प्रतिदिन वर्तमान बांग्लादेश में किसी न किसी हिन्दू देवालय को नष्ट अथवा भ्रष्ट करते हुवे मुस्लिम बंगाली फेसबुक,ट्वीटर,व्हाट्सएप,स्नैप चेट एवं इंस्ट्राग्राम पर बडे अहंकार के साथ दिखाते हैं ! खुलेआम हमारे देवी देवताओं पर अपमानजनक टिप्पणी करते हैं मूर्तियों को तोड़ कर उनपर घृणित पदार्थों को फेंक कर वीडियो पोस्ट करते हैं जिसे देखकर समूचे विश्व में स्थित हिन्दुओं की आत्मा घायल होती है किन्तु सर्वाधिक गंभीर समस्या और विवादास्पद यह है कि कोई भी हिन्दू बंगाली उनकी पोस्ट पर जाकर उनकी निंदा नहीं करते।
मुझे स्मरण है कि-
“न संशयमनारूह्य नरो भद्राणि पश्यति ।
संशयं पुनरारूह्य यदि जीवति पश्यति॥”
एक कथोक्ति है-“आपदा में अवसर” कदाचित् विधि और वर्तमान परिस्थितियों में बराक उपत्यका के बांग्ला भाषी हिन्दुओं को एक और अवसर मिला है कि वे भाषायी नस्लवादी सोच से मुक्त होकर ह्रदय खोलकर समूचे भारतीय हिन्दुओं को अपना हितैषी समझें ! उन्हें यह भी स्वीकार करने का ये सही समय है कि वे समझें ! भाषा-शहीद आंदोलन में एक भी बांग्ला भाषी मुस्लिम न तो घायल हुवा और न ही मारा गया जबकि समूचे हिन्दी भाषी समुदाय ने उस समय अपने बांग्ला भाषी लोगों का तन-मन धन से सहयोग और समर्थन किया था।
मित्रों ! बराक उपत्यका से लेकर समूचे पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के साथ-साथ समूचा भारतवर्ष ही नहीं अपितु समूची मानवता आज शांतिदूतों द्वारा फैलाई अशांति से क्षुब्ध है ! हमारे बांग्ला भाषी लोगों को ये समझने का बिलकुल सही समय है कि-
“दुर्जनः परिहर्तव्यो विद्ययाऽलङ्कृतोऽपि सन्।
मणिना भूषितः सर्पः किमसौ न भयङ्करः॥”
उनको ये समझने की आवश्यकता है कि उनका सर्वस्व लूटकर जिन्होंने उनकी छोटी-बडी बच्चियों को अपनी हवश का शिकार बनाया ! आज भी बना रहे हैं ! ऐसे तथाकथित बुद्धिजीवी और दुष्टों से दूर रहने में ही उनकी भलाई है ! चाहे जितनी भी चमकीली मणि सर्प के पास हो वो भयानक ही होगा। दुर्भाग्य से सर्वोच्य न्यायपालिका के आदेश के कारण-“गेहूं के साथ घुन भी पीसा जायेगा” एनआरसी पर केन्द्र ने कहा था कि किसी भी देश के हिन्दु को यहाँ रहने दिया जायेगा ! और ऐसा ही न्यायपालिका भी कहती है ! थोड़ा और स्पष्ट करके कहती है कि-“वर्किंग बीजा” पर वे रहेंगे अर्थात धीरे-धीरे उनकी नागरिकता समाप्त हो जायेगी और किसी भी प्रकार की अचल सम्पत्ति उनकी नहीं होगी। अत्यंत ही डराने वाली टिप्पणी है यह ! अधिक से अधिक पांच वर्षों में इसपार या उसपार।
मैं मानता हूँ कि-“हमलोग कुली हैं ” और कुलियों को असम का भूमि पुत्र असम सरकार ने घोषित कर दिया ! केन्द्रीय सरकार किसी भी दल की हो अथवा सर्वोच्य न्यायपालिका हो सभी हमें-“बिहारी कहें अथवा गंवार” वो ये तो स्पष्ट रूप से स्वीकार करते हैं कि -“हमलोग भारतवर्ष के आदिवासी हैं” और पूर्वी तथा पश्चिमी पाकिस्तान से आये वे लोग-“प्रवासी” हैं ! जिन्होंने एक निश्चित अवधि के पश्चात भारत में हिन्दू होने के कारण अपनी प्राणरक्षा हेतु और यदि वे मुस्लिम हैं तो 100% आतंकवाद फैलाने एवं यहाँ का जनसांख्यिकी समीकरण बिगाड़कर इसे भी इस्लामिक स्टेट बनाने के लिये घुसपैठ की।
अर्थात हमारी न्यायपालिका और संसद नीर क्षीर का विवेक करना जानती है और यही उसने किया है जहाँ तक बांग्लादेशी मुस्लिमों की बात आती है तो वे इतने घाघ हैं ! यहाँ के स्थानीय नेटवर्क,भ्रष्ट राजनेताओं की मुस्लिम तुष्टिकरण की निति एवं वोट-बैंक के लालच में उनके सभी जाली प्रमाण पत्र बन चुके ! आधार,आयकर,आधुनिक,मतदान,विद्या
हमारा ऐप डाउनलोड करें
- Admin
- February 12, 2024
- 11:50 am
- No Comments
मणिना भूषितः सर्पः किमसौ न भयङ्करः — आनंद शास्त्री
Share this post: