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मणिपुर: जिरीबाम में AFSPA के पुनः लागू होने पर स्थानीय लोगों ने जताई उम्मीद, असम राइफल्स की सक्रियता बढ़ी

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प्रेरणा प्रतिवेदन शिलचर 17 नवंबर : मणिपुर में लंबे समय से जारी हिंसा की घटनाओं ने राज्य को गहरे संकट में डाल दिया है। मई 2024 के बाद से लगातार बिगड़ती स्थिति ने सरकार को मजबूर किया कि वह हिंसा प्रभावित जिलों में आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट, 1958 (AFSPA) को फिर से लागू करे। मणिपुर के प्रवेश द्वार जिरीबाम में AFSPA के लागू होने से स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। सुरक्षा बलों, खासकर असम राइफल्स, पर उनकी उम्मीदें टिकी हुई हैं कि वे अब हिंसा को रोकने और शांति बहाल करने में सक्षम होंगे।
2023 के दौरान मणिपुर में जातीय और सांप्रदायिक तनाव चरम पर था, लेकिन जिरीबाम अपनी शांतिपूर्ण स्थिति के लिए एक मॉडल के रूप में उभरा था। जिले की जनसंख्या में बंगाली, बिष्णुप्रिया, मुसलमान, मेइती, ह्मार और कुकी जैसे समुदाय शामिल हैं, और इनकी आपसी समझ ने इसे हिंसा मुक्त बनाए रखा। लेकिन मई 2024 के बाद हालात तेजी से बिगड़ने लगे। इस दौरान, जिले में हत्याओं, आगजनी और गोलियों की आवाज ने डर का माहौल पैदा कर दिया। शत्रुतापूर्ण तत्वों ने AFSPA हटने का फायदा उठाकर सुरक्षा बलों को प्रभावी कार्रवाई करने से रोक दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि जिरीबाम, जो पहले शांतिपूर्ण था, धीरे-धीरे हिंसा की चपेट में आ गया।AFSPA के पुनः लागू होने से स्थानीय लोगों में सुरक्षा का भाव लौट आया है। पहले AFSPA हटने के कारण सुरक्षा बलों की कार्रवाई सीमित हो गई थी, जिसका फायदा असामाजिक तत्वों ने उठाया। अब जब यह कानून फिर से लागू हो गया है, तो स्थानीय लोग आशान्वित हैं कि हिंसा पर नियंत्रण पाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मणिपुर में असम राइफल्स की भूमिका हमेशा से अहम रही है। इस बल ने ना केवल इलाके में शांति बनाए रखने का प्रयास किया, बल्कि राहत कार्यों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। असम राइफल्स ने लगातार हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी, बंकरों का ध्वस्त करना और अज्ञात ड्रोन को मार गिराना जैसे अभियानों को अंजाम दिया है।
इसके अलावा, बल ने विस्थापित लोगों को राहत शिविरों में सहायता सामग्री प्रदान कर उनकी मुश्किलें कम करने की कोशिश की। स्थानीय नागरिक संगठनों (CSOs) और जिला प्रशासन के साथ तालमेल रखते हुए, असम राइफल्स ने शांति स्थापित करने के कई प्रयास किए हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा बल जल्द ही हिंसा फैलाने वाले तत्वों और उग्रवादी समूहों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करेंगे। इस कदम का उद्देश्य न केवल स्थिति को नियंत्रण में लाना है, बल्कि जिले में स्थायी शांति स्थापित करना भी है।
AFSPA के पुनः लागू होने और असम राइफल्स की सक्रियता से स्थानीय लोग सकारात्मक बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। उन्हें भरोसा है कि सुरक्षा बल हिंसा के अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे और उनके जिले को दोबारा शांतिपूर्ण बनाएंगे।
असम राइफल्स, जिसे मणिपुर में शांति और तटस्थता का प्रतीक माना जाता है, ने हर बार मुश्किल हालात में खुद को साबित किया है। आज, जब जिरीबाम जैसे इलाके हिंसा की चपेट में हैं, तो स्थानीय लोग इस बल की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। उन्हें भरोसा है कि असम राइफल्स न केवल इस हिंसा को खत्म करेगा, बल्कि जिले को फिर से स्थायित्व और विकास की ओर ले जाएगा।
जिरीबाम में AFSPA का पुनः लागू होना न केवल स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि इससे आम लोगों के बीच एक विश्वास का माहौल भी बनेगा। असम राइफल्स की सक्रियता से जल्द ही जिले में शांति बहाल होने की उम्मीद है। स्थानीय नागरिकों को यकीन है कि सुरक्षा बल इस चुनौती को सफलतापूर्वक पार करते हुए जिरीबाम को फिर से एक आदर्श जिले के रूप में स्थापित करेंगे।

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