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महज सत्रह साल की उम्र में अमन साहू ने थामी थी बंदूक और जेल से चलाया साम्राज्य

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पड़ोसी देश नेपाल के होटलों में दो सौ करोड़ का निवेश, विदेशी नेताओं से भी अच्छे संबंध 
अनिल मिश्र/रांची, 12 मार्च: झारखंड प्रदेश का कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू झारखंड की राजधानी रांची जिले के ठाकुरगंज इलाके के मतवे गांव का रहने वाला वाला था। अभी उसकी महज उम्र तीस के अंदर ही होगी, यानी अमन साहू काफी कम उम्र से ही अपराध की दुनिया की में अपने पैर जमा चुका था। अमन साहू का पैतृक गांव मतवे में है, लेकिन उसके पिता पतरातू में कारोबार करते थे, इसलिए वह पतरातू में ही रहता था। यहीं पर उसने महज सत्रह साल की उम्र में ही बर्नपुर सीमेंट फैक्टरी में फायरिंग की थी जिसके बाद वह दस महीने तक जेल में रहा था।जेल  से बाहर आने के बाद उसने बारहवीं  तक की शिक्षा पूरी की और डिप्लोमा भी किया।जिसके बाद उसने एक मोबाइल दुकान भी खोला था, यहीं से उसका संपर्क सुशील श्रीवास्तव गैंग के अपराधियों से हुआ वह उसने अपराध की दुनिया में इस तरह कदम रखा कि फिर मुड़कर नहीं देखा।झारखंड पुलिस पहले भी अमन साहू गैंग के कई शूटरों को पकड़ चुकी है। जांच में नेपाल कनेक्शन सामने आया था। यह भी पता चला था कि अमन का नेपाल के कई बड़े गैंगस्टर, हवाला कारोबारियों और राजनेताओं से  अच्छा संबंध है। उसने रंगदारी में वसूले गए पैसे का बड़ा निवेश काठमांडू के कई होटलों और रियल एस्टेट कारोबार में कर रखा है। साहू ने करीब दो सौ करोड़ रुपये नेपाल के रॉयल इंपावर बुटिक होटल, होटल डायनेस्टिक और टिप टॉप होटल काठमांडू में निवेश किया है। ये पैसे झारखंड के साथ -साथ अन्य व्यवसायियों से रंगदारी में वसूले गए हैं।
इस रंगदारी से मिली रकम का निवेश भी क्रिप्टोकरेंसी के साथ साथ जमीन और होटल कारोबार में किया गया था। बीते दिनों एटीएस ने जांच में पाया था कि अमन साहू ने अपने करीबी सहयोगी नारायण थापा के जरिए नेपाल में पैसों का निवेश किया था। रंगदारी के पैसों को बाहर भेजने के लिए हवाला ऑपरेटिव की मदद भी गिरोह के द्वारा ली जाती थी। सिंगापुर के बाद अमन साहू के गैंग के सुनील मीणा ने अजरबैजान को ठिकाना बनाया था, जहां दिसंबर 2024 में उसकी गिरफ्तारी हो गई थी। लेकिन सुनील की गिरफ्तारी के बाद भी मयंक सिंह के नाम से लगातार कारेाबारियों को धमकी भरे कॉल किए जा रहे थे।अमन साहू का भाई आकाश साहू के बैंकिंग ट्रांजेक्शन गैंग के शंकर यादव के साथ भी मिला था। शंकर यादव को आकाश साहू के द्वारा सत्रह लाख देने की पुष्टि भी जांच में हुई थी। एनआईए ने जांच में पाया था कि आकश साहू ने रंगदारी के पैसों का बिहार व झारखंड में चल व अचल संपत्ति के तौर पर निवेश किया। एनआईए ने मौखिक व ड्राक्यूमेंटी साक्ष्य पाया था। एनआईए ने अमन साव के रांची स्थित आवास से एक फार्च्यूनर गाड़ी जब्त की गई थी।जो अमन साहू के ही बताये जाते हैं।वहीं रांची के बुढ़मू में 75 डिसमिल जमीन परिवार के नाम पर खरीदी जबकि रांची के मानसिक आरोग्यशाला कांके में 44 एकड़ जमीन सुजीत सिन्हा ने कल्लूबंगाली के नाम पर एग्रीमेंट किया, काठमांडू के रायल एम्पायर के बुटिक होटल में सुजीत सिन्हा का पार्टनर, रांची में सुजीत सिन्हा के नाम पर फ्लैट है। इसके साथ ही कई अन्य जगहों पर काफी चल और अचल संपत्ति बनाने की जानकारी पुलिस को मिली है।गैंगस्टर अमन साहु ने अपने अपराध का दायरा बढ़ाने के लिए झारखंड के उग्रवादी संगठन टीएसपीसी, पीएलएफआई, जेजेएमपी और आपराधिक गिरोह झांगुर ग्रुप से अपना संपर्क बढ़ाया। उसने लेवी के लिए उग्रवादियों के सहयोग से भी कुछ घटनाओं को अंजाम दिलाया।इसमें तेतरियाखाड़ कोलियरी में आगजनी और फायरिंग की घटना प्रमुख थी. उसने गिरोह का दायरा बढ़ाने के लिए दूसरे राज्यों के अपराधियों से भी संपर्क किया।कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू ने 17 वर्ष की उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था।उसे पहली बार 2019 में गिरफ्तार किया गया था।हालांकि वह फरार हो गया था। दुबारा उसे तीन साल बाद जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया गया था।उस पर दो से ज्यादा हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण समते अन्य संगीन अपराध के दर्ज थे।अमन साहू का झारखंड और खास करके कोयला से जुड़े कंपनी और व्यापारियों के बीच डर और दहशत था।कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को अब तक झारखंड पुलिस के द्वारा करीब आधा दर्जन से ज्यादा जेलों में समय-समय पर उसे ट्रांसफर किया गया था ।13 अक्टूबर 2024 को चाईबासा जेल से उसे रायपुर (छत्तीसगढ़) जेल शिफ्ट किया गया था। कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू  2024में झारखंड में विधानसभा चुनाव भी लड़ना चाहता था। उसने बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भी खरीदा था हालांकि उसे न्यायालय के द्वारा अनुमति नहीं मिली थी।अमन साहू काफी कुख्यात अपराधी था। उसने पिछले दिनों झारखंड की राजधानी रांची के बरियातू थाना क्षेत्र में चर्चित कोयला कार्रवाई विपिन मिश्रा पर दिनदहाड़े गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया गया था, इसके बाद झारखंड के ही हजारीबाग जिला में एनटीपीसी के डीजीएम डिस्पैच कुमार गौरव की गोली मारकर घर हत्या कर दी थी।
 दोनों ही घटनाओं में अमन साहू गिरोह की संलिप्ता को लेकर पूछताछ करने के लिए झारखंड पुलिस के द्वारा रिमांड पर लेकर उसे रायपुर से रांची  कल लाया जा रहा था। लेकिन उसके कुछ सहयोगियों ने पुलिस वाहन पर हमला कर दिया। जिसके बाद अमन साहू पुलिस की इंसास राइफल लेकर भाग खड़ा हुआ जिसके कारण पुलिस मुठभेड़ में वह कल मारा गया। इधर झारखंड पुलिस इसके अन्य साथियों और इसके रंगदारी से जमा किए अकूत संपत्ति के चिन्हित करने में जुटी हुई है।

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