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(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
प्रयागराज। महाकुंभ मेला 2025 में रेलवे प्रशासन अपनी सेवाओं के लिए सुर्खियां बटोर रहा है। प्रयागराज रामबाग और झूंसी स्टेशनों पर स्थापित खोया-पाया केंद्र श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। यहां कार्यरत कर्मचारी यात्रियों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं, जिससे न केवल उनकी समस्याओं का समाधान हो रहा है, बल्कि परिवारों का बिछड़ने के बाद पुनर्मिलन भी सुनिश्चित किया जा रहा है।
22 जनवरी को इसी समर्पण का एक और उदाहरण देखने को मिला। श्रीमती निर्मला देवी, जो चौरी-चौरा एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 15004) से कानपुर तक यात्रा कर रही थीं, पानी लेने के लिए रामबाग स्टेशन पर उतरीं। इस दौरान ट्रेन चल दी और वे अपने परिवार से बिछड़ गईं। उनके परिवार के अन्य सदस्य ट्रेन में आगे बढ़ गए।
सूचना मिलते ही मेला कंट्रोल रामबाग में कार्यरत कर्मचारी संजीव रंजन ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए वाणिज्य नियंत्रण कक्ष प्रयागराज को सूचित किया। तत्परता से कार्रवाई करते हुए कर्मचारी प्रणव कुमार और संजीव कुमार ने निर्मला देवी के भाई चंद्रभूषण शर्मा से संपर्क साधा। जल्द ही निर्मला देवी को उनके परिजनों से मिलाया गया।
रेलवे प्रशासन की इस त्वरित और मानवीय पहल की श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर प्रशंसा की। महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में, जहां लाखों श्रद्धालु आते हैं, रेलवे का खोया-पाया केंद्र आधुनिक तकनीक और कर्मठ कर्मचारियों की बदौलत रोजाना कई परिवारों को राहत दे रहा है।
जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मेला कंट्रोल में कार्यरत कर्मचारियों का समर्पण रेलवे की सेवा भावना और जिम्मेदारी को उजागर करता है। श्रद्धालु न केवल रेल प्रशासन की सराहना कर रहे हैं, बल्कि इस सेवा के प्रति गहरी आस्था भी व्यक्त कर रहे हैं।
महाकुंभ में रेलवे का यह प्रयास आस्था, सेवा और सुरक्षा का अद्वितीय संगम है, जिसने हजारों श्रद्धालुओं के दिल जीत लिए हैं।