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महाकुंभ : मौनी अमावस्या पर्व पर संगम स्नान के बाद लाखों श्रद्धालु पुण्य लाभ के लिए पहुंच रहे काशी

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गंगा में स्नान के बाद बाबा विश्वनाथ दरबार में लगा रहे हाजिरी,सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था के बीच भीड़ प्रबंधन में जुटे अफसर

वाराणसी, 30 जनवरी (हि.स.)। प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर्व पर दूसरे अमृत स्नान (शाही स्नान) के बाद लाखों श्रद्धालुओं का पलट प्रवाह अनवरत बाबा विश्वनाथ की नगरी में हो रहा है। महाकुंभ में हुई भगदड़ के बावजूद श्रद्धालुओं का रेला बुधवार शाम से ही शहर में पहुंचने लगा। पूरी रात और गुरुवार को अलसुबह से ही श्रद्धालुओं का अनवरत आगमन हो रहा है। श्रद्धालु कैंट रेलवे स्टेशन से पैदल ही गंगा तट पर स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की अथाह भीड़ से दशाश्वमेध घाट सहित असपास के घाटों से लेकर श्री काशी विश्वनाथ दरबार भर गया है।

श्रद्धालुओं के अनवरत आगमन को देख जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, अपर पुलिस आयुक्त डॉ. एस चिनप्पा की अगुआई में अफसर देर रात तक भीड़ प्रबंधन के लिए खुद मौके पर डटे रहे। अफसरों ने पैदल चलकर कैंट स्टेशन से लेकर होल्डिंग एरिया में व्यवस्था का जायजा लेने के बाद गंगा तट और श्री काशी विश्वनाथ धाम में सुरक्षा व्यवस्था को परखा। अफसर खास कर पुलिस कमिश्नर और अपर पुलिस कमिश्नर कतारबद्ध श्रद्धालुओं से संवाद कर व्यवस्थाओं का फीडबैक लेते रहे। शहर में अनुमान से कहीं अधिक भीड़ आने से दशाश्वमेध, गोदौलिया, मैदागिन आदि इलाकों में यातायात व्यवस्था ठहर सी गई है। भीड़ की वजह से स्थानीय लोग महाजाम से जूझते हुए किसी तरह अपने कार्यस्थल पर पहुंच रहे हैं। भीड़ के पलट प्रवाह और महाकुंभ में हुए भगदड़ को देख जिला प्रशासन भी अतिरिक्त सावधानी बरत रहा है। श्रद्धालुओं के साथ मुख्य मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है। गंगा तट और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, कालभैरव मंदिर मार्ग पर जगह-जगह पुलिस फोर्स तैनात की गई है। सीसीटीवी कैमरा एवं विशेष टेथर्ड ड्रोन से गंगा घाटों की निगरानी हो रही है। इस ड्रोन से तीन किलोमीटर तक की निगरानी हो रही है। गोदौलिया स्थित मारवाड़ी हॉस्पिटल की छत पर इसे स्थापित किया गया है। गंगा नदी में एनडीआरएफ, जल पुलिस के जवान विशेष नौका से गश्त करते देखे गए।

उल्लेखनीय है कि प्रयागराज महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु काशी में गंगा स्नान और बाबा विश्वनाथ का दर्शन करके ही अपने घर लौटते हैं। मौनी अमावस्या के भीड़ के पलट प्रवाह (कुंभ स्नान के बाद वाराणसी आने वाले) को लेकर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। महाकुंभ का पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर्व और दूसरा मौनी अमावस्या पर हुआ। वाराणसी में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देख यातायात पुलिस ने पहले से ही एडवाइजरी जारी की है। सुगम यातायात के लिए मैदागिन से चौक और गोदौलिया की आने वाली सभी सड़कों को पुलिस ने नो व्हीकल जोन बनाया है। इसी तरह नमो घाट, अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट की ओर जाने वाली सड़क पर भी यातायात प्रतिबंधित किया गया है। पूरे महाकुंभ की अवधि में प्रयागराज से काशी दस करोड़ श्रद्धालुओं के आने का आकलन जिला प्रशासन ने पहले से किया है।

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