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उमरांग्सो, 20 जनवरी 2025: सरस्वती विद्या मंदिर उमरांग्सो में यडतोरे श्री योगानंदेश्वर सरस्वती मठ:, श्रृंगेरी के पीठाधीपति श्री श्री शंकरभारती महास्वामी जी ने विद्यालय प्रवास किया । इस अवसर पर विद्यालय के आचार्य, प्रधानाचार्य, विद्यालय समिति के अध्यक्ष, सचिव, मेंबर और विद्यार्थियों ने उनका भक्ति पूर्ण भाव से स्वागत किया।
सुबह 10 बजे, महाराज जी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “शिक्षा केवल ज्ञान का संग्रह नहीं है, बल्कि यह जीवन के मूल्यों और आदर्शों को समझने का एक माध्यम है।” उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे शिक्षा के माध्यम से अपने जीवन में सफलता प्राप्त करें और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें। उनके विचारों ने विद्यार्थियों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया।

इस अवसर पर उमरांग्सो के विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने भी महाराज जी के आशीर्वचन का लाभ उठाया। उन्होंने बच्चों को बताया कि “सच्ची शिक्षा वह है जो हमें मानवता, सहानुभूति और एकता का पाठ पढ़ाती है।”
शाम 3 बजे, महाराज जी ने उमरांग्सो के सामाजिक लोगों के साथ संवाद किया। उन्होंने समाज में सद्गुणों और मूल्यों के महत्व पर बल दिया और सभी को एकता और सामंजस्य के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया। उनका संदेश स्पष्ट था: “समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमें एकजुट होकर प्रयास करना होगा।”
सरस्वती विद्या मंदिर उमरांग्सो के प्रधानाचार्य ने इस अवसर पर कहा, “महाराज शंकर भारती महास्वामी जी का आगमन हमारे लिए एक सम्मान की बात है। उनके संबोधन और मार्गदर्शन ने हमारे विद्यार्थियों और सामाजिक लोगों के लिए एक आध्यात्मिक और शैक्षिक अनुभव प्रदान किया।”
महाराज जी का आगमन न केवल विद्यार्थियों के लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक अद्वितीय अनुभव था। उनके विचारों और मार्गदर्शन ने सभी को जीवन के मूल्यों और आदर्शों के प्रति जागरूक किया और उन्हें अपने जीवन में इनका पालन करने के लिए प्रेरित किया।





















