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मंच द्वारा प्रतिवर्ष दो कर्मठ महिलाओं को सम्मानित किया जाना महारानी अहिल्याबाई के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि
गया, 01 जून। विष्णुपद मंदिर की निर्मात्री, राजमाता, अन्यय शिव भक्त, महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 299 वीं जयंती पर उन्हें याद कर कई कार्यक्रम आयोजित किये। महारानी अहिल्याबाई होल्कर विचार मंच के बैनर तले विष्णुपद स्थित अहिल्याबाई के स्मारक स्थल पर जाकर सैकड़ों लोगों ने पूजा-अर्चना के साथ माल्यार्पण किया।
इस दौरान पूरे गाजे-बाजे के साथ एक आकर्षक शोभा यात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं शामिल हुए। वही सिजुआर भवन में अहिल्याबाई जयंती समारोह का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुंगेर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो रंजीत कुमार वर्मा, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के आचार्य डॉ सुरेश चंद्र, विशिष्ट अतिथि मगध विश्वविद्यालय, बोधगया की अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो (डॉ) सरिता वीरांगना, मंच की संरक्षक उषा डालमिया, अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद प्रेमी एवं उपाध्यक्ष डॉ राम सिंहासन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। इसके उपरांत मंचासीन अतिथियों ने डॉ उमाशंकर सिंह द्वारा संकलित अहिल्याबाई की जीवनी पर आधारित पुस्तिका का लोकार्पण किया।
मुख्य अतिथि प्रो आर के वर्मा ने देवी अहिल्याबाई के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनमें प्रतिभा, पराक्रम और देशभक्ति का अद्भुत समन्वय था। गयाजी में विश्व प्रसिद्ध विष्णु पद मंदिर का जीर्णोद्धार कर उन्होंने गयावासियों पर असीम उपकार किया। हम सभी को माता अहिल्याबाई के पदचिन्हों पर चलने की आवश्यकता है। वहीं डॉ सुरेश चंद्र ने कहा कि महिलाएं कभी भी अशक्त नहीं थीं और न ही वर्तमान में अशक्त हैं। वे महारानी अहिल्याबाई की तरह ही सदैव सशक्त रही हैं। विशिष्ट अतिथि मगध विश्वविद्यालय बोधगया के अंग्रेजी विभाग अध्यक्ष प्रो. सरिता वीरांगना ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर का संघर्षमय जीवन नारी शक्ति ही नहीं पूरे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत है।
मंच की कार्यकारिणी समिति सदस्य एवं गौतम बुद्ध महिला कॉलेज की अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ रश्मि प्रियदर्शनी ने अहिल्याबाई जयंती समारोह के कुशल संयोजन, समन्वयन, एवं संचालन की प्रशंसा करते हुए कहा कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर विचार मंच द्वारा नारी सशक्तीकरण की दिशा में बहुत ही सार्थक और सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। प्रतिवर्ष मंच द्वारा दो प्रबुद्ध, समाजसेवी, कर्मठ एवं साहसी महिलाओं को सम्मानित किया जाना महारानी अहिल्याबाई के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। नारी शक्ति को समर्पित ऐसे आयोजन महिलाओं के लिए बड़े उत्साहवर्धक तथा प्रेरक हुआ करते हैं। कहा कि भारतीय समाज का उत्थान तभी संभव है, जब महिलाओं के विचार, भाव एवं कार्यों को महत्व दिया जाये। डॉ रश्मि ने कार्यक्रम की सफलता का श्रेय मंच के अध्यक्ष, सचिव एवं सभी सदस्यों, पदाधिकारियों एवं श्रद्धालुओं को दिया। कार्यक्रम का संचालन सचिव काशीनाथ ने किया।
समारोह में मंच के उपाध्यक्ष कन्हैया लाल मेहरवार, प्रसिद्ध व्यवसायी प्रमोद भदानी, देवनाथ मेहरवार, डॉ नंदकिशोर गुप्ता, उपसचिव मणिलाल बारीक, डॉ राकेश कुमार सिन्हा रवि, डॉ रामकृष्ण, धर्मेंद्र कुमार सिंह उर्फ टिबलू, डॉ मंजू शर्मा, डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी, ऋषिकेश गुर्दा, पी. के. मोहन, सीमा सिन्हा, सरिता त्रिपाठी, वीणा गिरी, नीलम मिश्रा, ममता बरनवाल, अंजू कुमारी, डॉ नंदन कुमार सिन्हा, सह सचिव व मीडिया प्रमुख अश्वनी कुमार एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।