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प्रेरणा प्रतिवेदन अयोध्या, 17 दिसंबर: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा निर्विघ्न संपन्न होने के लिए किए गए 108 रामायण पारायण संकल्प की पूर्णाहुति के उपलक्ष्य में तीर्थ क्षेत्र पुरम (निकट मणि पर्वत) में भव्य आयोजन किया जा रहा है।
यह पवित्र संकल्प महाराष्ट्र के वारकरी संप्रदाय के संत कथावाचक देव गोपाल शास्त्री (जलगांव, महाराष्ट्र) ने लिया था। बीती 9 जून को रंग वाटिका में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय, हरि सिद्धि शरण जी महाराज, कैलाश मानसरोवर मुक्ति महाआंदोलन के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा महाहंसजी महाराज, और अन्य विद्वानों की उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रामायण पारायण का शुभारंभ हुआ था।
पूर्णाहुति का दिव्य आयोजन:
इस संकल्प की पूर्णाहुति का आयोजन 21 दिसंबर से शुरू होकर भव्य झांकियों और संगीतमय पारायण के साथ किया जाएगा। इसे ‘श्रीराम चरित मानस पारायण कथा संकीर्तन सप्ताह’ का नाम दिया गया है। बाबा महाहंसजी के अनुसार, इस आयोजन में महाराष्ट्र के श्री दत्त योगिराज आश्रम (मुलेवाड़ी, जिला अहिल्या नगर), संत कुटिया आश्रम (मनुदेवी), सतपुड़ा जंगल क्षेत्र के भक्तों सहित वारकरी संप्रदाय के विद्यार्थी और भक्तगण हिस्सा लेंगे।
कार्यक्रम विवरण:
सुबह 5:00 बजे: भगवान विट्ठल के वारकरी भक्तों की काकड़ आरती और भजन।
सुबह 7:00 बजे से 11:00 बजे तक: संगीतमय रामायण पारायण।
शाम 7:00 बजे से 9:00 बजे तक: संगीतमय रामकथा और संतों के आशीर्वचन।
यह आयोजन अध्यात्मिकता और भक्ति की अनोखी छटा बिखेरेगा। श्रद्धालु बड़ी संख्या में इस पवित्र कार्यक्रम में शामिल होकर पुण्य अर्जित कर सकते हैं।
उपरोक्त जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र संवाद केंद्र, अयोध्या धाम से एक प्रेस विज्ञप्ति में प्रदान की गई।