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प्रे.स. बड़खोला, 5 जनवरी: बड़खोला विधानसभा के अंतर्गत मासिमपुर ग्रांट (बदरपुर) के ग्रामीण पिछले कुछ महीनों से शुद्ध पेयजल की भारी समस्या झेल रहे हैं। इस समस्या के खिलाफ आवाज उठाते हुए रविवार को सैकड़ों पुरुष और महिलाएं जल आपूर्ति केंद्र के सामने बाल्टियां और घड़े लेकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
विभागीय लापरवाही से ठप हुई जल आपूर्ति व्यवस्था:
ग्रामीणों ने बताया कि असम सरकार के जल आपूर्ति केंद्र की मशीनरी और तालाब बेहद जर्जर हालत में हैं, जिससे स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति ठप हो गई है। विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही और अनियमितताओं के चलते स्थिति और भी गंभीर हो गई है। प्रदर्शनकारी “जल आपूर्ति विभाग मुर्दाबाद” और “विभागीय मंत्री मुर्दाबाद” के नारों से माहौल को गूंजायमान कर रहे थे।
जलगत भ्रष्टाचार का आरोप:
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा और जल आपूर्ति मंत्री जयंता मल्ल बरुआ के महत्वाकांक्षी ‘जल जीवन मिशन’ को विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों ने भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है। मासिमपुर ग्रांट वाटर सप्लाई स्कीम परियोजना इसका जीता-जागता उदाहरण है। ग्रामीणों का कहना है कि नदी के पानी को शुद्ध करने के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए उपकरण और सामग्री पर्याप्त मात्रा में नहीं दिए जा रहे हैं, जिससे गंदा और दुर्गंधयुक्त पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन से गुहार:
ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व शर्मा और कछार जिले के उपायुक्त मृदुल कुमार यादव से इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है। प्रदर्शन में आछार उद्दीन, जूनू सिंह, गया प्रसाद भर, निवा रानी दास, शिबू री, और जितिन भर सहित कई अन्य स्थानीय निवासी उपस्थित थे।
समाधान की मांग:
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो ग्रामीण व्यापक स्तर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। उनका कहना है कि शुद्ध पेयजल हर नागरिक का बुनियादी अधिकार है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।