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मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में बुधवार की शाम को कैबिनेट की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में कई अहम निर्णय लिये गये। बैठक के बाद मीडिया को कैबिनेट के निर्णयों के संबंध में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केशब महंत और संसदीय परिक्रमा समेत अन्य विभागों के मंत्री पीयूष हजारिका ने जानकारी दी। नयी सरकार के गठन के बाद कैबिनेट की नौवीं बैठक आयोजित की गयी। ज्ञात हो कि नयी सरकार ने प्रत्येक बुधवार को कैबिनेट की बैठक करने का निर्णय लिया था, ताकि सरकारी कामकाज को तेजी से क्रियान्वित किया जा सके।
कैबिनेट की निर्णोयों के अनुसार सर्दियों में राज्य के चाय बागानों में उत्पादन की धीमी गति को देखते हुए कैबिनेट ने तालाब खनन, सड़क निर्माण आदि में मनरेगा के तहत चाय श्रमिकों को रोजगार देने का फैसला किया गया।
वहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और मनरेगा के तहत तालाब खनन को प्राथमिकता देने के साथ ही सांची और सोम के पेड़ लगाने के लिए कदम उठाने का फैसला किया गया। वहीं 15वें वित्त आयोग के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, पार्क आदि बनाने का भी फैसला लिया गया।
आज की कैबिनेट ने गुवाहाटी विकास विभाग और शहरी विकास विभाग को एकत्रित कर ‘आवास और शहरी मामलों’ नामक विभाग में विलय करने का फैसला किया। साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग और सचिवालय प्रशासन विभाग को सामान्य प्रशासन विभाग नामक विभाग में विलय करने का फैसला किया गया।
मंत्रिमंडल ने फैसला किया कि अब से सूचना और जनसंपर्क मंत्री समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित और परिचालित विज्ञापनों के भुगतान को सीधे मंजूरी दे सकेंगे। वहीं गोलाघाट और सरुपथार राजस्व हलकों को सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया। वित्त मंत्री अजंता नेउग की मौजूदगी में राजस्व मंत्री जोगेन महन और सिंचाई मंत्री अशोक सिंघल को सूखा प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों के परिवारों को आवश्यक वित्तीय सहायता मुहैया कराने की जिम्मेदारी सौंपी।
कैबिनेट ने गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के आवास को ‘विरासत भवन’ घोषित करके संरक्षित करने के लिए कदम उठाने का फैसला किया।