शिलचर, 30 मई: असम के चाय बागान श्रमिकों के कल्याण के लिए एक अहम कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने गुरुवार को “मुख्यमंत्रीर एकटी कुड़ी, दूटी पाता” नामक एक नई योजना की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत राज्यभर के 7 लाख से अधिक चाय बागान श्रमिकों और कर्मचारियों को एकमुश्त ₹5,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
यह योजना राज्य सरकार की ओर से चाय समुदाय के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है, जिन्होंने बीते 200 वर्षों से असम की चाय उद्योग को मजबूती से संजोए रखा है। योजना से कुल 7,05,713 श्रमिक और कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने इस योजना की घोषणा एक राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की, जिसमें सभी जिलों के मंत्री, विधायक और उच्च अधिकारी शामिल हुए। योजना के सुचारू क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की गई।
काछार ज़िले में यह बैठक शिलचर स्थित उपायुक्त कार्यालय के एनआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित की गई। इस अवसर पर उदारबंद के विधायक मिहिर कांती सोम, शिलचर के विधायक दीपायन चक्रवर्ती, काछार के जिलाधिकारी श्री मृदुल यादव (आईएएस), काछार के निर्वाचन अधिकारी व नोडल अधिकारी मसी टोपनो, तथा सहायक आयुक्त व बराक घाटी क्षेत्र की उप निदेशक (जनसंपर्क) दीपा दास उपस्थित रहे। अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी इस बैठक में शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना चाय बागान में कार्यरत मेहनतकश श्रमिकों के लिए एक ‘धन्यवाद’ है, जो असम के इतिहास और अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा हैं। योजना का नाम “एकटी कुड़ी, दूटी पाता” — अर्थात् “एक कली, दो पत्तियां” — चाय की तुड़ाई की परंपरा और प्रतीक से प्रेरित है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आगामी मानसून सत्र को देखते हुए राज्य की बाढ़ से निपटने की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने सभी विभागों को सतर्क रहने और संभावित आपदा से निपटने के लिए पूर्ण रूप से तैयार रहने के निर्देश दिए।
यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि असम के चाय श्रमिकों के परिश्रम को सम्मान भी देती है। यह सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो चाय उद्योग में कार्यरत लाखों परिवारों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
यह जानकारी क्षेत्रीय जनसंपर्क कार्यालय, बराक घाटी क्षेत्र, शिलचर, असम द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति से प्राप्त हुई है।





















