शिलचर, 31 जुलाई:असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व शर्मा के खिलाफ देशद्रोह और राष्ट्रविरोधी साजिश के गंभीर आरोप लगाते हुए नलबाड़ी जिले के पाजिपार गांव निवासी ज्ञानेन चक्रवर्ती ने नलबाड़ी सदर थाने में एक लिखित प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री ने अपने व्यक्तिगत फेसबुक प्रोफाइल से पाकिस्तान के एक प्रतिबंधित न्यूज़ चैनल की सामग्री साझा की, जिससे देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हुआ है।
प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा एक निर्मम हत्या की घटना के बाद भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी न्यूज़ चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसे में एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा इस तरह का कंटेंट साझा करना भारत सरकार के निर्णय की अवमानना और देश के प्रति घोर असम्मान का प्रतीक है।
चक्रवर्ती ने मांग की है कि मुख्यमंत्री के इस कार्य को देशविरोधी साजिश माना जाए और भारतीय दंड संहिता (IPC) की उपयुक्त धाराओं के तहत तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाए।
इस विषय में जब संवाददाता ने ज्ञानेन चक्रवर्ती से बात की, तो उन्होंने कहा – “जब सरकार स्वयं कह चुकी है कि पाकिस्तान के चैनल देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, तब एक मुख्यमंत्री कैसे उन्हीं चैनलों की सामग्री सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं? अगर कोई आम नागरिक ऐसा करता, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाती।”
जब उनके राजनीतिक रुझान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी भी राजनीतिक दल से वर्तमान में जुड़े नहीं हैं। हालांकि कुछ समय पहले वे ‘राइजोर दल’ के साथ सक्रिय थे, लेकिन अब केवल एक जागरूक नागरिक की हैसियत से यह कदम उठाया है।
उन्होंने कहा – “यह कोई राजनीतिक कदम नहीं है। मैं सिर्फ अपने देश की सुरक्षा और गौरव की रक्षा के लिए यह कानूनी कार्रवाई कर रहा हूं।”
चक्रवर्ती का दावा है कि नलबाड़ी सदर थाना पुलिस ने उनकी एफआईआर स्वीकार कर ली है और उन्हें निष्पक्ष जांच का आश्वासन भी दिया है। हालांकि, इस मामले में पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।





















