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मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के बिल को लोकसभा से मंजूरी, टेलीकम्युनिकेशन बिल राज्यसभा में पास

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नई दिल्ली. टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 आज राज्यसभा में पास हो गया. अब इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज जाएगा. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून बन जाएगा. इस बिल में फर्जी सिम लेने पर 3 साल जेल व 50 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा लोकसभा में आज मुख्य चुनाव आयुक्त व चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्तों को विनियमित करने वाले बिल को मंजूरी दे दी है. राज्यसभा से यह बिल 12 दिसंबर को पास हुआ था. इसे चुनाव आयोग, चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें व कामकाज का संचालन  अधिनियम 1991 की जगह लाया गया है.

केंद्र सरकार ने आज तीन नए क्रिमिनल बिल भी राज्यसभा में पेश किए है.  इसमें अंग्रेजों के समय का राजद्रोह कानून खत्म किया गया है. नाबालिग से रेप व मॉब लिंचिंग जैसे क्राइम में फांसी की सजा दी जाएगी. आज सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के सांसदों ने पुरानी संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला. इस दौरान खडग़े ने कहा कि सरकार संसद सुरक्षा चूक पर जवाब दे. पीएम नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह संसद में आकर इस मामले पर बयान दें. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संसद से विपक्ष के सांसदों का निलंबन ठीक नहीं है. इस बीच लोकसभा व राज्यसभा के अंदर भी हंगामा हुआ. आज भी कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा देखने को मिला. प्रश्नकाल में ही विपक्ष के कुछ सांसद नारेबाजी करते दिखे. खडग़े ने कहा कि पीएम वाराणसी, अहमदाबाद जा रहे हैं. वे हर जगह बोल रहे हैं संसद में सुरक्षा चूक पर नहीं बोल रहे. गृह मंत्री अमित शाह ने भी संसद के सिक्योरिटी लेप्स पर कुछ नहीं कहा. हम इसकी निंदा करते हैं. सरकार सदन नहीं चलने देना चाह रही है. विपक्ष की आवाज दबा रही है. संसद में बोलना हमारा अधिकार है. सभापति मामले को जातिगत रंग दे रहे हैं. वहीं शरद पवार ने कहा कि सदन में जो हुआ वो इतिहास में कभी नहीं हुआ. जो लोग सदन में घुसे वो किसकी मदद से आए. सुरक्षा में चूक पर चर्चा क्यों नहीं हो रही. चर्चा कराने की बजाय सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया. सभापति की मिमिक्री पर पवार ने कहा कि ये सदन के अंदर का नहीं, बाहर का मामला है.

अब तक 143 सांसद सस्पेंड-

20 दिसंबर को लोकसभा से 2 और सांसदों को सस्पेंड किया गया था. अब तक 143 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं. इनमें 109 लोकसभा और 34 राज्यसभा के हैं. इन सांसदों के संसद में दाखिल होने पर रोक है. 20 दिसंबर की कार्यवाही में लोकसभा में विपक्ष के 98 सांसदों व राज्यसभा में 94 सांसदों ने भाग लिया. विपक्ष का आरोप है कि सांसदों को सस्पेंड करके भाजपा सभी बिल बिना बहस के पास कराना चाहती है. संसद के शीतकालीन सत्र के सिर्फ दो बचे हैं.

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