
मुल्क चलो आंदोलन चरगोला विद्रोह के नाम से मशहूर है जिसमें तत्कालीन ब्रिटिश शासन के मनेजरों के अत्याचार से पीड़ित हजारों श्रमिकों ने मुल्क चलो आंदोलन के तहत पैदल ही निकल पङे ऐसे में उन्हें बिच मे ही गोलियों से भून दिया पदमा नदी का पानी लाल हो गया। करीमगंज कालेज के अध्यापक डा सुजीत तिवारी ने दर्दनाक चित्रण प्रस्तुत किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिलसिलेवार वृतांत सुनाया लेकिन उन्होंने कहा कि यह विद्रोह जलियांवाला कांड से भी बङा कांड था लेकिन दूर्भाग्य कि इन्हें आज तक शहीद के रूप में मान्यता नहीं मिली।
सभा का संचालन दिलीप कुमार ने किया। समाजसेवी उदयशंकर गोस्वामी की अध्यक्षता में शहीदों को मौन रहकर तथा पुष्पांजलि देकर याद किया गया। गोस्वामी ने कहा कि हम संज्ञान लेकर इतिहास लिखवायैंगें। अवधेश कुमार सिंह बाबुल नारायण कानू ने भी संबोधित किया। कानू ने बताया कि बराक चाय श्रमिक संगठन के महासचिव राजदीप ग्वाला ने सभी बागानों में श्रद्धांजलि सभा करने का निर्देश दिया है।




















