शिलांग, 15 फरवरी । मेघालय कैबिनेट की आज हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक के बाद सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने बताया कि मेघालय राज्य निवेश संवर्धन और सुविधा विधेयक (एमएसआईपीएफ), 2024 को मंजूरी दे दी गई। इससे मेघालय प्राधिकरण के निर्माण का रास्ता साफ हो गया, जो राज्य की मौजूदा सिंगल विंडो एजेंसी की जगह लेगा।
राज्य में लंबे समय से प्रचलित सिंगल विंडो एजेंसी में कुछ संशोधनों और सुधारों की आवश्यकता थी और नया विधेयक एक एकीकृत प्रणाली बनाएगा, जहां विभिन्न विभागों को शामिल करने वाले पोर्टलों के माध्यम से एकीकृत आवेदन किए जाएंगे। जिसमें सभी निवेशों और प्रस्तावों की ट्रैकिंग प्रणाली होगी। प्रस्तावों की मात्रा के आधार पर निवेश का वर्गीकरण भी होगा।
कैबिनेट में सेवानिवृत्त न्यायाधीश सचिवीय सहायता और घरेलू सहायता नियम, 2013 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिसे आखिरी बार 2016 में संशोधित किया गया था। न्यायपालिका के अनुरोध के आधार पर सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और मुख्य न्यायाधीशों के लिए सचिवीय सहायता और अन्य वित्तीय सहायता के रूप में दी जाने वाली राशि को बढ़ाने के लिए नियमों में संशोधन किए गए थे।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) द्वारा अनुशंसित भत्तों को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई, जिसमें कहा गया है कि राज्य में न्यायिक मजिस्ट्रेटों तथा न्यायिक अधिकारियों को दिए जाने वाले लाभ राष्ट्रीय स्तर पर होने चाहिए।
आगामी विधानसभा सत्र से पहले विभिन्न अध्यादेशों को विधेयक के रूप में सदन में रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इनमें कैप्टन विलियमसन संगमा राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 2011 में संशोधन तथा मेघालय की आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक, 2024 शामिल हैं।