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प्रे.स. शिलचर, 23 दिसंबर: शिलचर के विधायक दीपायन चक्रवर्ती ने सोमवार सुबह 11 बजे मेहरपुर नगरपालिका के ट्रेंचिंग और डंपिंग ग्राउंड का निरीक्षण किया। इस दौरे का उद्देश्य क्षेत्र की वर्तमान स्थिति, पर्यावरण पर इसके प्रभाव और स्थानीय निवासियों की समस्याओं का आकलन करना था। इस दौरान उन्होंने शहर की कचरा प्रबंधन से जुड़ी प्रमुख समस्याओं के समाधान को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।
निरीक्षण के दौरान, विधायक ने डंपिंग ग्राउंड की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त की और शहर में लंबे समय से चली आ रही कचरा निपटान समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अनियंत्रित कचरा निपटान से उत्पन्न स्वास्थ्य और पर्यावरणीय खतरों की बात स्वीकारी।
स्थानीय निवासियों की समस्याओं पर ध्यान
मेहरपुर क्षेत्र के निवासी लगातार दुर्गंध, जल प्रदूषण और डंपिंग ग्राउंड के आसपास मच्छरों की बढ़ती संख्या की शिकायत कर रहे हैं। शिलचर की शहरी आबादी से उत्पन्न कचरे की बढ़ती मात्रा ने इन समस्याओं को और गंभीर बना दिया है। विधायक के इस दौरे से स्थानीय लोगों में त्वरित कार्रवाई की उम्मीद जगी है।
संभावित समाधान और योजनाएं
दीपायन चक्रवर्ती ने आधुनिक कचरा प्रबंधन, पुनर्चक्रण, और कचरे के पृथक्करण कार्यक्रमों को शुरू करने और पर्यावरण-अनुकूल निपटान पद्धतियों को अपनाने की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने स्थानीय जनता को आश्वासन दिया कि नगर पालिका के साथ समन्वय स्थापित कर इस समस्या का समाधान खोजा जाएगा। इसके तहत ऐसा मॉडल विकसित किया जाएगा जो न केवल मेहरपुर के लिए उपयोगी होगा बल्कि अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक मिसाल कायम करेगा।
विधायक ने कहा, “कचरा वाहनों के सुगम प्रवेश के लिए हमने सड़क का निर्माण करवाया है। पहले यहां सीमा दीवार नहीं थी, लेकिन अब 80% काम पूरा हो चुका है। पुनर्चक्रण इस प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा है। काछार जिले के तत्कालीन उपायुक्त कीर्ति जल्ली के कार्यकाल में हमने डिब्रूगढ़ जाकर अनुभव प्राप्त किया, जिसके परिणामस्वरूप यहां एक मशीन स्थापित की गई। अब इस मशीन से कचरे का पुनर्चक्रण और अधिक प्रभावी हो सकेगा।”
नए प्रोजेक्ट्स और भविष्य की योजनाएं
विधायक ने बताया कि दो अतिरिक्त प्रोजेक्ट भी योजना के तहत हैं। इसके तहत दो नई मशीनें स्थापित की जाएंगी – एक पुराना कचरा और दूसरी प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कचरे का प्रबंधन करेगी। एक प्लांट प्रतिदिन 200 टन कचरे को प्रोसेस करने की क्षमता रखेगा। इसके अलावा, लगभग 2 लाख टन पुराने कचरे को भी एक विशेष मशीन के माध्यम से प्रोसेस किया जाएगा। इन परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार के डोनर मंत्रालय ने 15 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
इस पहल के तहत उर्वरक का उत्पादन संभव होगा, जिसे बागवानी, कोयला संयंत्र और सीमेंट फैक्ट्रियों में उपयोग किया जा सकेगा। सरकार कचरे के पुनर्चक्रण और इसके व्यावसायीकरण पर भी कार्य कर रही है।
स्वच्छ और हरित असम की ओर एक कदम
विधायक ने असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा का इस क्षेत्र के विकास के लिए उठाए गए कदमों के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हालांकि शिलचर अब लगभग कचरा-मुक्त हो चुका है, लेकिन शहर को और अधिक स्वच्छ बनाने की आवश्यकता है। हमारी योजना अगले तीन वर्षों में इस ट्रेंचिंग और डंपिंग क्षेत्र को एक पार्क में बदलने की है।”
इस अवसर पर उपस्थित “कॉल एंड फिक्स” के उदय कनाई ने कहा कि एमआरएफ और वेस्ट-टू-कंपोस्ट प्लांट कचरा प्रबंधन में एक क्रांतिकारी कदम है, जो दैनिक कचरे के प्रबंधन को सक्षम करेगा। उन्होंने कहा, “हम जैविक और अजैविक कचरे को कम्पोस्ट में परिवर्तित कर उच्च गुणवत्ता वाला उर्वरक बनाने का लक्ष्य रखते हैं। अगले एक साल में लगभग सभी कचरे को प्रभावी ढंग से प्रोसेस किया जाएगा।”
इस निरीक्षण के दौरान विधायक के प्रतिनिधि सुभीर सिन्हा और शिलचर नगर पालिका विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।