नई दिल्ली. मोदी सरकार 3.0 की पहली कैबिनेट बैठक के दौरान आवास योजना से जुड़ा बड़ा ऐलान किया गया है. पीएम आवास योजना के तहत तीन करोड़ घरों के निर्माण को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है. योजना के तहत बने सभी घरों में एलपीजी और बिजली कनेक्शन होंगे. इन घरों का निर्माण ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में होगा. केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आज की बैठक में पीएम आवास के तहत घरों के निर्माण के लिए तीन करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों को सहायता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है. इससे पात्र परिवारों की संख्या में वृद्धि से उत्पन्न आवास की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा.
भारत सरकार 2015-16 से प्रधान मंत्री आवास योजना लागू कर रही है ताकि बुनियादी सुविधाओं के साथ घरों के निर्माण के लिए पात्र ग्रामीण और शहरी परिवारों को सहायता प्रदान की जा सके. पीएमएवाई के तहत, पिछले 10 वर्षों में आवास योजनाओं के तहत पात्र गरीब परिवारों के लिए कुल 4.21 करोड़ घर पूरे किए गए हैं. पीएमएवाई के तहत निर्मित सभी घरों को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की अन्य योजनाओं की मदद से घरेलू शौचालय, एलपीजी कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन आदि जैसी अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.
इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक शुरू हुई. प्रधानमंत्री के आवास पर हो रही इस बैठक में अमित शाह, राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान और एचडी कुमारस्वामी समेत सभी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मौजूद रहे.
कैबिनेट की बैठक शुरू होने के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पीएमओ में कर्मचारियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में हमें वैश्विक मानदंडों से भी आगे जाकर काम करना है. उन्होंने उन्होंने कहा कि जहां कोई नहीं पहुंचा, वहां अपने देश को हमें पहुंचाना है. इस बीच मोदी सरकार के नए-नवेले मंत्रियों के बीच विभाग बंटवारे पर सस्पेंस अब तक कायम है. कैबिनेट की पहली बैठक के बाद देर शाम तक मंत्रियों के बीच विभाग बंटवारे से जुड़ा एलान होने का अनुमान है.
इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा, मेरा शुरू से प्रयास रहा है कि पीएमओ सेवा का अधिष्ठान और People’s PMO (जनता का प्रधानमंत्री कार्यालय) बने. सरकार का मतलब सामर्थ्य, समर्पण और संकल्पों की नई ऊर्जा है. हमारी टीम के लिए ना तो समय का बंधन है, ना सोचने की सीमाएं और ना ही पुरुषार्थ के लिए कोई तय मानदंड. इस विजय के बड़े हकदार भारत सरकार के कर्मचारी भी हैं, जिन्होंने एक विजन के लिए खुद को समर्पित कर देने में कोई कमी नहीं रखी. ये चुनाव हर सरकारी कर्मचारी के 10 साल के पुरुषार्थ पर मुहर लगाते हैं. इस विजय के बड़े हकदार और सच्चे हकदार आप लोग हैं.