फॉलो करें

मौसम विभाग ने लमडिंग-बदरपुर रेल खंड के लिए जारी किया रेड एवं ऑरेंज अलर्ट

159 Views

गुवाहाटी, 15 जून। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) के अपर महाप्रबंधक रविलेश कुमार ने कहा है कि मौसम विभाग की ओर से लमडिंग-बदरपुर रेल खंड वाले क्षेत्रों में रेड एवं ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके चलते आज और रविवार को कुछ ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हो सकता है। उन्होंने कहा कि आगामी सोमवार को स्थिति की समीक्षा करने के बाद फिर से ट्रेनों के परिचालन को लेकर निर्णय किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि हम लंबी दूरी की ट्रेनों की सेवा को बहाल रखने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।

रविलेश कुमार ने आज गुवाहाटी के मालीगांव स्थित पूसीरे मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लमडिंग-बदरपुर रेल खंड के न्यू हाफलांग रेलवे स्टेशन पर पांच ट्रेनें फंसी हुई थीं, क्योंकि भारी बरसात और भूस्खलन के चलते एक स्थान पर ट्रैक पर पानी तथा कीचड़ भर गया था। इसको रेलवे विभाग ने सफलता पूर्वक हटाकर ट्रैक को खाली कराया तथा आज सुबह ट्रेनों को 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से रवाना किया। उन्होंने बताया कि डिमा हसाओ जिले में भी इसी तरह की स्थिति बनी हुई है।

उल्लेखनीय है कि लमडिंग बदरपुर रेल खंड के प्रभावित होने पर दक्षिण असम के तीन जिले (कछार, करीमगंज एवं हैलाकांदी) तथा डिमा हसाओ एवं तीन राज्य मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा की यातायात व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होती है। एक सवाल के जवाब में रविलेश कुमार ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्व इस रेल खंड का सेटेलाइट सर्वे किया गया है, ताकि पहाड़ की बनावट एवं मिट्टी का सर्वेक्षण कर भूस्खलन का स्थायी समाधान किया जा सके। साथ ही उन्होंने दक्षिण असम के लिए नये रूट पर सर्वे किये जाने की बात भी कही। हालांकि, उन्होंने कहा कि नये रूट के बनने में काफी लंबा समय लगेगा, इसके मद्देनजर वर्तमान रूट को चालू रखने की हर संभव कोशिश जारी है।

अपर महाप्रबंक कुमार ने कहा कि बरसात के मौसम एवं भूस्खलन की चुनौती को देखते हुए रेलवे विभाग लमडिंग-बदरपुर रेल खंड पर लंबी दूरी की ट्रेनों को चलाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि छोटी दूरी की ट्रेनों की सेवा को रद्द किया जा सकता है। अगर ट्रैक की स्थिति बेहतर रही तो उन्हें भी चलाया जा सकता है।

ज्ञातव्य है कि पूसीरे का महत्वपूर्ण रेल खंड लमडिंग-बदरपुर प्रत्येक वर्ष बरसात के मौसम में बुरी तरह से प्रभावित होता है। अंग्रेजी हुकूमत के दौर में बनाई गई मीटर गेज भी बरसात के मौसम में अवरूद्ध होती थी। बाद में ब्रॉड गेज लाइन बनने के बाद माना जा रहा था कि स्थिति बेहतर हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इस वर्ष भी गत मई माह से भारी भूस्खलन एवं पहाड़ी मलबा ट्रैक पर आ जाने के कारण यातायात प्रभावित हुआ है। कई दिनों तक इस पहाड़ी रेल खंड पर ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित रही। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से इस रूट पर ट्रेनों की खासकर यात्री ट्रेनों की आवाजाही जारी है। एक बार फिर से मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए कुछ ट्रेनों की सेवा रद्द या अल्प रद्द के साथ चलाने का निर्णय लिया गया है।

वर्ष 2022 में भारी भूस्खलन के चलते न्यू हाफलांग रेलवे स्टेशन ट्रेन पर भारी मात्रा में कीचड़ एवं पानी भर गया था। स्टेशन पर खड़ी ट्रेनें कीचड़ में फंस गयी थीं। स्टेशन के आलावा अन्य कई स्थानों पर भी भारी भूस्खलन हुआ था। एक सवाल के जवाब में रविलेश कुमार ने कहा कि वर्ष 2022 में ट्रैक एवं मरम्मत कार्य पर कुल 180 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। एक बार फिर से स्थिति पहले की तरह होती दिख रही है।

दरअसल, इस रेल खंड के बंद होने से पूर्वोत्तर की एक बड़ी आबादी देश के अन्य हिस्सों से पूरी तरह से कट जाती है।

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल