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यदि बराक टूटा ! तो ये श्रीनगर बन जायेगा…. आनंद शास्त्री

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सम्माननीय मित्रों ! ये अब धीरे-धीरे स्पष्ट होता जा रहा है कि दुनिया का तीव्रता के साथ ध्रुवीकरण होता जा रहा है ! सिया सुन्नी मिलकर एक होते जा रहे हैं यहूदी,यूरोप और अमेरिका एकसाथ इकट्ठे हो चुके ! रूस और चीन का समर्थन मुस्लिम देशों के साथ है ! और इनमें भारत,जापान, जैसे कुछ ही देश बचे हैं जिनकी अपनी सुदृढ़ विदेश नीति,रक्षा प्रणाली एवं राजनैतिक नेतृत्व की क्षमता इसे शेष विश्व से पृथक एवं सबके लिये अनुकूल एवं सकारात्मक होने के कारण हमारी उन्नतशील अर्थव्यवस्था अपने-आप में किसी चुम्बक की तरह विश्व के सभी उद्योगपतियों को खींचने में सक्षम है।
किन्तु ये भी सत्य है कि भारत में पचीस प्रतिशत से भी अधिक- “भस्मासुर” और पचीस प्रतिशत उनके अंध समर्थक विराजमान हैं ! मित्रों वे आपको निःशुल्क बिजली,गैस,परिवहन,आरक्षण, राशन,कृत्रिम रोजगार,भत्ता सबकुछ देंगे ! सबको देंगे ! किन्तु कहाँ से और कबतक देंगे ? वे कुछेक आयकर दाताओं के रुपयों
,पेट्रोल,शराब और उद्योगों से प्राप्त राजस्व में केन्द्र से पैसे लेते हैं!
जिस अडानी और अंबानी के पैसों से वे सब्सीडी बांट रहे हैं ! उसी केन्द्र सरकार और अडानी अंबानी को संसद में बैठकर गालियां देते हैं।
वहीं दूसरी ओर बीजेपी की सरकार हमें उन्नति के सर्वोच्य शिखर तक ले जा रही है ! जैसे हमारे  मुख्यमंत्री जी, हमारे कुछेक गीने चुने सांसद और देशभक्त विधायक गण वास्तविक रूप से बराक,असम के साथ-साथ समूचे भारतवर्ष के हितार्थ ! हिन्दी-हिन्दू और हिन्दुस्थान के हितार्थ सोचते हैं ! जैसे हमारे विधायक- “श्रीमान कौशिक राय जी” ने हिन्दी के लिये इतना सोचा ! तत्काल ही हमें असम के शिक्षा मंत्री जी से मिलने की अपने व्यय से व्यवस्था करवाने की सफल कोशिश की ! इस हेतु हम ह्रदय से उनके ऋणी और आभारी हैं ! असम टी काॅर्पोरेशन के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक श्रीमान राजदीप जी,श्रीमान सांसदश्री
कृपानाथ माला जी और तो और कांग्रेस के भी श्रीमान कमलाक्ष जी ने भी इस मुहिम में हमारा साथ दिया।
वहीं इसमें बैठे कुछेक आयातित लुटेरे जनता का सबकुछ छीन लेते हैं ! ये आयातित लुटेरे ऐसे खतरनाक होते जा रहे हैं कि किसी मस्जिद की खिड़की का एक कांच भी टूट जाता है तो पांच लाख मस्जिद कमेटी को जजिया दे देते हैं किन्तु अशांतिदूतों द्वारा हमारी बेटियों का बलात्कार होने पर उनके मुख में दही जम जाती है।
मित्रों ! आज विश्व के साथ-साथ ! भारत के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण बराक उपत्यका भी ठंडे ज्वालामुखी की मुहाने पर खडी है जिसके नीचे जेहाद का गर्म खौलता लावा उबल रहा है ! हमें समझना होगा।
ये धरातलीय सच्चाई है कि मीजोरम,मणिपुर आदि क्षेत्रों का संचालन लगभग असमिया सरकार के द्वारा और बराक उपत्यका से ही होता है ! हमारे पडोसी राज्य अपने पडोसी उन खतरनाक जेहादियो से निरंतर जूझ रहे हैं जो समूचे भारतवर्ष के लिये खतरनाक बनते जा रहे हैं ! इनकी हिम्मत तो देखिए कि ये लोग एक ओर म्यांमार से रोहिंग्या जेहादियो का कचरा मणिपुर में धकेल कर वहाँ अशांति फैला रहे हैं वहीं दूसरी ओर म्यांमार के शैतान मीजोरम पर बम बरसा रहे हैं ! और इसके मूल में कहीं न कहीं कोट के ऊपर जनेऊ धारी दलपति का हांथ निश्चित है।
ये शाश्वत सत्य है कि हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री श्रीमान हेमन्तो बिस्वशर्मा जी प्रखर,प्रख्यात एवं धरातलीय हिन्दुत्ववादी हैं ! जिनके कुछ स्थानीय सलाहकार येन केन प्रकारेण इस भीषण समस्या को अत्यंत ही धैर्य पूर्वक सम्हालते आ रहे हैं। किन्तु उन सभीकी विश्वसनीयता बराक उपत्यका में हिन्दी भाषी समुदाय के बीच आज कुछ धुंधली क्यों हो रही है ?
मित्रों ! छोटे-छोटे भागों में पहले अखण्ड भारतवर्ष बंटा ! फिर इसके राज्यों में छोटे-छोटे राज्य बनते गये ! असम स्वयं धीरे-धीरे छे भाग में विभक्त हो गया ! और इससे टूटे हुवे भाग आज गम्भीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनका अपना अस्तित्व सडकों पर आ चुका ! वो केवल केन्द्र की सब्सिडी पर चल रहे हैं।
उनमें ईसाइयों का अथवा कि वामपंथी भारत विरोधी लोगों का शाषन होता गया ! केन्द्र की सब्सिडी पर पलते वे राज्य भारत विरोध के मार्ग पर जब-तब आते जाते रहते हैं ! अब असम में भी बोडोलैंड की मांग उठने लगी ! कुछ स्वार्थी लोग पृथक बराक राज्य का भी राग अलापने लगे ! और कितना तोडोगे असम को ?
आज परिस्थितियां कुछ ऐसी हैं कि अन्यान्य राज्यों की अपेक्षा असम में उद्योगों का गंभीर अभाव है ! मुख्यमंत्री जी एवं उनके प्रतिनिधियों के प्रयास से कुछेक अंतर्राष्ट्रीय उद्योगपति असम की ओर आकर्षित हो रहे है ! बराक उपत्यका के भी उपरोक्त सांसदों एवं विधायकों के परिश्रम से यह समय नये नये उद्योगों को असम में लगाने का है ! हम असमिया लोगों को एकजुट होकर स्वयंसहायता समूहों को सरकारी अनुदान से चलाने का है ! यहाँ के बीमार चाय बागान उद्योग को पुनर्जीवित करने का है ! यह समय राज्य को तोड़ने का नहीं है ! मैं गम्भीरता पूर्वक जमीनी सच्चाई मुख्यमंत्री जी को बताना चाहता हूँ कि यदि बराक टूटा ! तो ये श्रीनगर बन जायेगा ! यहाँ के बांग्ला भाषी हिन्दू अपने सम-भाषी मुस्लिमों से गहरी चोट खाकर उनके गुलाम बनकर जीने को मजबूर हो जायेगे ! और हम हिन्दी भाषी समुदाय के लोग विवशता में असम राज्य का ही अंग बने रहने के आग्रह के साथ आंदोलन करने को बाध्य हो जायेंगे ! ये निश्चित है कि अभी के अवशिष्ट अखण्ड असम में ही हम सभी असमिया लोगों का हित निहित है।
आदरणीय मुख्यमंत्री जी ! जिस प्रकार नेहरु ने प्रधानमंत्री बनने के लिये भारत विभाजन स्वीकार कर लिया उसी प्रकार यहाँ के कुछ लोग बराक राज्य बनाकर उसके मुख्यमंत्री और मंत्री बनने का दिवास्वप्न देख रहे हैं ! यह कृत्य बराक-असम और भारतवर्ष के लिये अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा ! यहाँ सामान्य शिक्षित युवाओं के लिये आजीविका का बहुत अभाव है ! हमारे बच्चे सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानदेय से आधे रुपयों पर और निर्धारित आठ घंटों की अपेक्षा बारह से चौदह घंटों तक गैर सरकारी उपक्रमों में हाड़तोड़ श्रम करने के पश्चात भी अपने अधिकारियों से धमकी और अपशब्द सुनने को श्रापित हैं ! बडे-बडे मार्ट खुल जाने से छोटे-छोटे व्यापारियों के समक्ष अस्तित्व बचाए रखना असंभव हो चुका ! चाय बागानों में काम नहीं है,उत्पादन गिरता जा रहा है,संचालक और श्रमिक दोनों ही श्रापित हो चुके ! बांग्ला देशी लुटेरों ने चाय बागानों की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया ! फिर भी राजस्व विभाग चाय उद्योग को ही हर प्रकार से उत्पीडित कर रहा हैं।
मुख्यमंत्री जी ! हमारे चाय बागानों में लगभग सभी श्रमिक हिन्दी भाषी राज्यों से लाकर बसाये गये ! धीरे-धीरे उनका भाषायी धर्मान्तरण कर दिया गया ! उनको ये बतलाया गया कि तुम लोग बागानी हो ! तुम्हारी भाषा-“बागानी” है। आजतक के असमिया इतिहास में आपने इस नयी बागानी भाषा का कभी नाम सुना है ? धीरे-धीरे चाय बागानों में विद्यालय बन्द होते जा रहे हैं ! हाँ ! कागजों पर अभी भी चल रहे हैं ! और जो चल रहे हैं उनमें बहुत दूर दूर से श्रमिकों के छोटे छोटे बच्चों को दुर्गम मार्ग से आना जाना पडता है ! जहाँ छोटी बच्चियों के साथ कभी भी कुछ भी अनहोनी हो चुकी और होती है ! प्रशासन वहाँ के राजनैतिक दलों में स्थित जेहादियो के प्रभाव से उसे दबाने को बाध्य हो जाता है।और यह सबकुछ केवल हिन्दू बच्चों के साथ ही क्यों होता है ? ये जेहादी ही हैं जो पृथक बराक राज्य की मांग बांग्ला भाषी लोगों के कन्धों पर बन्दूक रखकर कर रहे हैं। आप विश्वास रखें कि यदि बराक एक स्वतंत्र राज्य बनता है तो ये दूसरा पाकिस्तान बन जायेगा .आनंद शास्त्री सिलचर, सचल दूरभाष यंत्र सम्पर्कांक 6901375971

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