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युवा शक्ति के बल पर हीं भारत विश्व की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनेगा-: राष्ट्रपति

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अनिल मिश्र, गया.बिहार के प्रतिभाशाली लोग देश सहित दुनिया के चौथी औद्योगिक क्रान्ति में अपना योगदान दे रहे हैं। यहां के उद्यमी लोगों ने विश्व स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनायी है। दुनियाभर में भारत सभी क्षेत्र में  तेजी से बढ़ता एक देश बन रहा है। विश्व में भारत अर्थ व्यवस्था के क्षेत्र में आज पांचवे स्थान पर है। आज हमारा राष्ट्रीय लक्ष्य है कि हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बने। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में हमारी युवा पीढ़ी का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। युवा शक्ति के बल पर हीं भारत विश्व की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बन सकेगा। ये उक्त बातें भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गया के पंचानपुर स्थित दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। राष्ट्रपति महोदया ने बिहार के लोगों को तारीफ करते हुए अतीत को याद दिलाते प्रतिभाओं को विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने 2600वर्ष पूर्व बिहार के पुण्य धरा पर अवतरित भगवान बुद्ध का उल्लेख किया जो बुद्धत्व को प्राप्त कर सिध्दार्थ  से भगवान बुद्ध बन गए। बिहार से हीं लोकतांत्रिक व्यवस्था के पल्लवित पुष्पित होने। नालंदा, विक्रमशिला और उदंतपुरी विश्व विद्यालय से लेकर यहां की विभूतियों में शामिल आचार्य शीलभद्र चाणक्य, आर्यभट्ट और संविधान निर्माता सच्चिदानंद सिन्हा एवं डाॅ राजेन्द्र प्रसाद के अहम योगदान का उल्लेख किए। महामहिम ने बाबा साहब डाॅ भीमराव अम्बेडकर  साहब का जिक्र करते हुए  उन्होंनें कहा था कि संसदीय प्रणाली के अनेक नियमों को भारत के प्राचीन गणराज्यों और बौद्ध संघों के कार्यप्रणालियों में देखा जा सकता है। दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित तृतीय दीक्षांत समारोह 103 विद्यार्थी डिग्री के साथ-साथ चांसलर गोल्ड मेडल, स्कूल गोल्ड मेडल व डिपार्टमेंट गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। इनमें 66पदक छात्राओं के नाम रहे। साथ हीं 25गोल्ड में 18छात्राओं को दिया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति महोदया ने कहा कि यह महिला सशक्तिकरण को परिलक्षित करता है। उच्च संस्थान  में छात्राओं की यह प्रगति देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है। दीक्षांत समारोह में अतिथि के रूप में आये बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अलेकर ने भी संबोधित किया। संबोधन के दौरान राज्यपाल महोदय ने बिहार के विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक कलैंडर पर सरकार और राजभवन के बीच टकराव पर सरकार को कड़ी शब्दों में आलोचना किया। उन्होने कहा कि हमें बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का कोई हक नही है। यहां बच्चों को समय पर परीक्षा नहीं लिया जाता। जिसके लिए राज्यपाल को बदनाम किया जाता है। जबकि खुद यहां की सरकार दोषी है। दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय की प्रसंशा करते हुए कहा कि पठन-पाठन के साथ-साथ उचित समय पर परीक्षा होती है। जिसके कारण हीं आज यह विश्व विद्यालय पूरे बिहार में सर्वोच्च स्थान पर है। इस तरह के दीक्षांत समारोह का आयोजन  विश्व विद्यालय द्वारा प्रति वर्ष करने का विचार प्रकट किया। सभा को दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ कामेश्वर नारायण सिंह ने भी संबोधित किए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दीक्षांत समारोह में आने से पूर्व बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना किए साथ हीं भगवान बुद्ध को खीर का प्रसाद चढ़ाया और ग्रहण भी किया। दीक्षांत समारोह में शामिल होकर दिल्ली लौटने के दौरान डेल्हा में कार से उतरकर कुछ दूर पैदल चलते हुए बच्चों को टाॅफी भी बांटी। अपने  सम्मुख देश के प्रथम नागरिक को देख महिलायें ,बच्चे व युवा अपने को रोक नहीं पाये और द्रौपदी मुर्मु जिन्दाबाद,भारत माता की जय और वंदेमातरम का जय घोष करने लगे।

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