अताल बस्ती निवासी श्रीमती शांति ग्वाला द्वारा घुंघुर थाने में दर्ज की गई एफ आई आर के आरोपों का खंडन करते हुए शिलचर के प्रतिष्ठित व्यवसायी रविंद्र गुलगुलिया ने बताया कि उनके ऊपर झूठा मामला दर्ज कराया गया है जबकि हकीकत यह है कि 26 जनवरी को वे अपनी कंपनी मेगस इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के एक अन्य निदेशक बृजेश तोषनीवाल तथा कंपनी की जमीन पर मिट्टी भरने के लिए एक ठेकेदार को लेकर जगह दिखाने गए थे। जहां बिरजू ग्वाला, सागर ग्वाला, नंदलाल ग्वाला, नारायण ग्वाला, दीपचंद ग्वाला, संग्राम ग्वाला, विष्णु ग्वाला, लाला ग्वाला, विक्रम ग्वाला और उसके साथियों ने उन लोगों पर हमला बोल दिया। दोनों लोगों की घेरकर बुरी तरह पिटाई की।
इसी दौरान वहां से ठेकेदार निकल भागा, उसने घरवालों को सूचना दी। घर वालों ने फोन से पुलिस को जानकारी दी, पुलिस के पहुंचने से पहले उन लोगों ने मुझे और बृजेश को बुरी तरह मारा। बृजेश को काफी चोटें आई हैं, ओठ फट जाने से खून भी निकल गया। सिर में भी काफी चोटें आई है, उसका 10 भरी सोने का चेन, ₹3500 छीन लिया, मेरे पॉकेट से ₹10500 निकाल लिया। घुंघुर चौकी इंचार्ज ने आकर उन लोगों को बचाया, थानेदार के आने पर भी हुए लोग दादागिरी दिखा रहे थे। जब थानेदार ने सीआरपी बुलाया, सभी भाग खड़े हुए। जहां से मेडिकल कॉलेज में जाकर उन लोगों ने मेडिकल कराया और 26 जनवरी की शाम को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
रविंद्र गुलगुलिया ने बताया कि उनकी कंपनी ने ज्योतिष पाल और प्रणय चक्रवर्ती से 12 फरवरी 2018 को 5 बीघा 10 कट्ठा जमीन खरीदा। उपरोक्त जमीन दोनों विक्रेताओं ने ग्वाला परिवार से 2016 में खरीदा था, रजिस्ट्री की गई दलील पर एफ आई आर लिखाने वाली श्रीमती शांति ग्वाला के पति परशुराम ग्वाला का भी साक्षी के रूप में हस्ताक्षर हैं। स्वर्गीय जमुना ग्वाला के सभी संतानों ने मिलकर 2016 में 4 बीघा जमीन ज्योतिष पाल को बिक्री किया। दीपचंद ग्वाला, फुल कुमारी ग्वाला, राजकुमारी ग्वाला व श्रीमती बितानी ग्वाला ने प्रणय चक्रवर्ती को एक बीघा 10 कट्ठा जमीन 2016 में ही बिक्री किया। उपरोक्त अताल बस्ती शिलचर बाईपास संलग्न जमीन उन दोनों से 2018 में हमारी कंपनी ने खरीदा।
पूरा नियम नीति पालन करते हुए संपूर्ण रुपए का भुगतान करके हमने जमीन रजिस्ट्री कराई है। वह लोग गैर कानूनी तरीके से हमें हमारी जगह पर काम करने से बाधा प्रदान किए हैं और हमारे ऊपर हमला किए हैं। हमने पुलिस में शिकायत की है उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए, उससे बचने के लिए इन लोगों ने काउंटर एफ आई आर दर्ज कराया है और मीडिया में गलत सूचना प्रसारित की है। पुलिस की जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। पुलिस ने मुकदमा संख्या 281/2021 में भारतीय दंड विधान की धारा 147/447/ 341/325/392/427 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज करके जांच प्रारंभ कर दी है।