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हाइलाकांदी 8 नवंबर: राजभाषा हिंदी संयुक्त सुरक्षा समिति की हाइलाकांदी जिला समिति का गठन गागलाछोड़ा शिव मंदिर में मुख्य संयोजक आचार्य आनंद शास्त्री की उपस्थिति में किया गया। बैठक की अध्यक्षता स्थानीय वरिष्ठ समाजसेवी सुमन्त पांडेय ने की। अपने प्रास्ताविक वक्तव्य में समिति के वरिष्ठ कार्यकर्ता दिलीप कुमार ने कहा कि असम सरकार राजभाषा हिंदी के साथ भेदभाव कर रही है। शिक्षण संस्थानों में सभी विषय के शिक्षकों की नियुक्तियां हो रही है किंतु पिछले कई वर्षों से हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति बंद है। इस बारे में शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को कई ज्ञापन दिए जा चुके हैं किंतु उनके ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। देश समाज और असम के हित में जन जागरण करना होगा, जनता का दबाव जब सरकार पर पड़ेगा तभी सरकार काम करेगी।
मुख्य संयोजक आनंद शास्त्री ने कहा कि हम हिंदीभाषियों के वंशज हैं, हमें हिंदीभाषी ही रहना है, वर्णशंकर नहीं बनना, यह हमारे अस्तित्व की बात है। सरकार यदि हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो हमें आंदोलन का रास्ता अपनाना होगा। वरिष्ठ नागरिक जटाशंकर पांडेय ने कहा कि हिंदी शिक्षा जरूरी है। स्थानीय भाजपा नेता राधेश्याम कोइरी ने कहा कि हमारा पूरा सहयोग रहेगा। वरिष्ठ समाजसेवी रूपनारायण राय ने कहा कि 1962 के भाषा आंदोलन में हिंदीभाषी विधायकों ने त्यागपत्र दिया था, जब राजभाषा हिंदी की बात आ रही है तो उसके लिए क्यों नहीं? सभा का संचालन मनोज पांडेय ने किया। आनंद राय ने अतिथियों का असमिया गमछे से स्वागत किया।
सभा में सर्वसम्मति से सुमन्त पांडेय को हाइलाकांदी जिला समिति का मुख्य संयोजक मनोनीत किया गया। संयोजक के रूप में घनश्याम पांडेय, रूपनारायण राय, राजेंद्र पांडेय, प्रेम राज ग्वाला, चौधरी चरण गोड़, श्याम सुंदर रविदास, मनोज पांडेय, राधेश्याम कोईरी, आनंद राय, बलराम नुनिया, राजेश ग्वाला, ओम प्रकाश साहू, किशोर यादव, नंदलाल कुर्मी, बालेश्वर यादव, रंजीत अग्रहरि, रामकुमार नुनिया, विमल बरई, तिलक सुराणा, मोहित रांका, सुरेश बड़दिया, शिवनारायण रविदास, मदन अग्रहरि, प्रताप बरई, संतोष पांडेय, दीपक कुर्मी, शिबू रविदास, राजाराम नुनिया, धनंजय तिवारी, अशोक लोहार, सियाराम चौहान, राजू रविदास, अमित रविदास, बापन रविदास, चिंटू उपाध्याय, मनीष उपाध्याय, विशाल सिंह, राजमल बरई, जापान कानू, संतोष तंतवा, चंदन अग्रहरि, नंदकिशोर अग्रहरि व विवेक तंतवा आदि को लिया गया। समिति में सभी चाय बागान, बस्ती और गांव से सदस्यों को शामिल किया जाएगा।
सभा में निर्णय लिया गया कि काटलीछोड़ा, लाला और अलगापुर के लिए आंचलिक समितियां गठित की जाएगी। विशाल सिंह और राजेश ग्वाला को सोशल मीडिया का दायित्व दिया गया।