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राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को बंगाल की हिंसा के खिलाफ असम के बुद्धिजीवियों ने भेजा ज्ञापन

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26 May – पश्चिम बंगाल में चुनाव पश्चात हिंसा के संबंध में राज्यपाल के माध्यम से असम के बुद्धिजीवियों ने  राष्ट्रपति को बंगाल की हिंसा के खिलाफ ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए कहा गया है कि हम सचेतन नागरिक मंच, असम के प्रमुख गैर राजनीतिक संगठनों में से एक है। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। जहां सुनियोजित हमलों में निर्दोष नागरिकों की जान चली गई और हजारों अन्य घायल हो गए।   हिंसा की इन घटनाओं में करीब 23 लोगों की जान चली गई,  4 से ज्यादा महिलाएं रेप की शिकार हुईं और 39 महिलाओं को मिली है रेप की धमकी,  2157 लोगों पर हमला, 692 लोगों को मिली है जान से मारने की धमकी,  3886 परिवारों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। 3000 गांवों के 70,000 से अधिक लोग हमले के शिकार हुए हैं। विभिन्न विचारधारा के लोग विशेष रूप से आर्थिक रूप से पिछड़े अनुसूचित जाति के लोग हमले का मुख्य लक्ष्य रहे हैं। अब तक 6778 प्रभावित लोग 191 आश्रय शिविरों में शरण ले रहे हैं। असम के सीमावर्ती इलाकों में 1800 से ज्यादा लोग शरण ले चुके हैं।  पश्चिम बंगाल सरकार के पक्षपाती रवैया से पीड़ितों के मामले में यह स्पष्ट है, पुलिस को प्रभावित लोगों की प्राथमिकी नहीं मिली है, यहां तक कि मौत की घटना से जुड़ी प्राथमिकी भी स्वीकार नहीं की गई है। घायलों को प्राथमिक चिकित्सा भी नहीं मिल पाई है। ऐसे समय में जब पूरी दुनिया सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए कोरोना महामारी से लड़ रही है, बड़ी संख्या में लोग अपनी जान बचाने के लिए असम में प्रवेश कर रहे हैं। यह भारतीय लोकतंत्र, अखंडता, राष्ट्रीय एकता और संविधान के लिए खतरा है। इन घटनाओं से साबित होता है कि पश्चिम बंगाल की नवनिर्वाचित सरकार ने कम और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के बजाय, चुप्पी साधकर उपद्रवियों को उकसाया। हम हिंदू लोगों पर इस तरह के अमानवीय सुनियोजित हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। असम में शरण लिए हुए हिंदुओं की स्थिति को देखकर, कोई भी आसानी से हिंदुओं के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार के धार्मिक और राजनीतिक भेदभाव का अनुमान लगा सकता है। अगर ऐसी घटनाएं जारी रहती हैं तो यह हमारी राष्ट्रीय एकता के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं। हम पश्चिम बंगाल सरकार की पथरीली चुप्पी की निंदा करते हैं, इस तरह की घटनाओं से एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण, बुरी स्थिति शुरू हो जाएगी। अतः माननीय राष्ट्रपति जी से विनम्र प्रार्थना है कि वे अपनी संवैधानिक शक्ति का प्रयोग पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए करें तथा सभी आवश्यक सहायता एवं प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करें। यह माननीय राष्ट्रपति महोदय से हमारी विनम्र प्रार्थना है।

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