गुवाहाटी, 03 नवंबर (हि.स.)। असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने आज यहां असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज में एसआईपीआरडी असम के सहयोग से राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा महिला किसानों एवं दिहाड़ी मजदूरों पर आयोजित एक क्षेत्रीय सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और जीडीपी में किसानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “जब भी हम किसानों की बात करते हैं तो हमारे सामने स्वाभाविक रूप से पुरुष किसानों की तस्वीर आ जाती है। वर्षों से हमारे दिल और दिमाग में बसे रीति-रिवाजों और परंपराओं के कारण, हम आज भी मानते हैं कि खेती केवल पुरुषों का काम है।” हालांकि, उन्होंने कहा कि स्थिति तेजी से बदल रही है क्योंकि, कृषि क्षेत्र में किसानों के रूप में महिलाओं का योगदान दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। महिलाएं घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ खेत-खलिहान भी संभाल रही हैं। ग्रामीण महिलाएं सिर्फ खाना पकाने तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए खेतों में भी काम करती हैं।
कटारिया ने कहा कि यह गर्व की बात है कि आज महिला किसान और मजदूर घर की दहलीज लांघकर समाज की रूढ़िवादी बेड़ियों को तोड़ रही हैं। वे कृषि गतिविधियों में नवाचारों और प्रौद्योगिकियों का भी उपयोग कर रहे हैं। कृषि गतिविधियों के साथ-साथ महिला किसान पशुपालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं और सफलता हासिल कर रही हैं। कई महिलाओं ने समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है, जो दूसरों के लिए अनुकरणीय है राज्यपाल ने कहा कि महिला किसानों के अधिकारों में सुधार के लिए सरकार ने जो योजनाएं लागू की हैं, उनका उपयोग महिला किसानों को करना चाहिए। कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग में उनकी क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकियों और अन्य कृषि संसाधनों तक उनकी पहुंच में सुधार के माध्यम से लैंगिक मुख्यधारा की पहल को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्यपाल ने आगे कहा कि समाज के आर्थिक एवं समग्र विकास के लिए महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण महत्वपूर्ण है।
कटारिया ने महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए महिला आयोग की सराहना की। उन्होंने कहा, “ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं, महिला किसानों और दिहाड़ी मजदूरों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें पुरुषों के समान अधिकार दिलाने के उद्देश्य से महिला आयोग द्वारा इस तरह के सम्मेलन आयोजित करना एक सराहनीय प्रयास है।” गौरतलब है कि सम्मेलन का आयोजन पलायन के संबंध में महिला किसानों और दिहाड़ी मजदूरों पर विशेष जोर देते हुए किया गया था। पी एंड आरडी मंत्री रनजीत कुमार दास, अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग रेखा शर्मा, सचिव पी एंड आरडी मुनींद्र शर्मा, असम राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. हेमप्रभा बोरठाकुर के साथ कई अन्य गणमान्य व्यक्ति सम्मेलन में शामिल हुए।