हाइलाकांदी, 27 मार्च: हाइलाकांदी जिले के राज्येश्वरपुर प्रथम खंड के नालुबाक में इस वर्ष भी पारंपरिक बारूणी मेले का भव्य आयोजन किया गया। हाइलाकांदी से मात्र सात किलोमीटर दूर स्थित इस मेले में जिले के विभिन्न हिस्सों से हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति देखी गई।
मेला कमेटी के अध्यक्ष बिनोद दास ने बताया कि मेले को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए कमेटी के सभी सदस्यों ने बीते तीन-चार दिनों से अथक परिश्रम किया। उन्होंने कहा कि यह मेला सभी समुदायों के लिए एक समावेशी आयोजन है, जहां हिंदू, मुस्लिम, मणिपुरी सहित विभिन्न समुदायों के श्रद्धालु एवं व्यापारियों की बड़ी संख्या में भागीदारी होती है।
मेला स्थल पर हर प्रकार की दुकानों का आकर्षक जमावड़ा देखा गया। इसमें सब्जी, मछली, सूखी मछली, हस्तनिर्मित वस्त्र एवं कलात्मक सामग्री से लेकर अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध रहीं।
सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक मेला
मेला कमेटी के सचिव बबला दे ने बताया कि यह आयोजन सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। कमेटी में हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग मिलकर कार्य करते हैं और वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है। उन्होंने कहा, “मैं बचपन से इस मेले का आनंद लेता आ रहा हूं, लेकिन इसकी शुरुआत कब हुई, इसका सटीक प्रमाण नहीं है। कमेटी के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार यह मेला लगभग 100 वर्षों से आयोजित हो रहा है।”
विशेष प्रसाद वितरण की व्यवस्था
इस वर्ष मेला कमेटी की ओर से तीन से चार हजार लोगों के लिए भंडारे (प्रसाद) की व्यवस्था की गई। जरूरत पड़ने पर और अधिक श्रद्धालुओं के लिए भी भोजन की व्यवस्था की जाएगी।
मेला आयोजन को सफल बनाने में मेला कमेटी के अध्यक्ष बिनोद दास और सचिव बबला दे के अलावा सुभाष दे, आयनुल लश्कर, स्वपन दास, हिम्मू दास, इस्लाम उद्दीन, चंदन ज्योति दे, हुसैन लश्कर, सलीम बड़भूइंया, राहुल दे, बिनोद बिहारी दास सहित अन्य सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।