गुवाहाटी, 12 मार्च । देश भर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू हो गया। इसको लेकर सबसे अधिक विरोध असम में देखा जा रहा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ ही अन्य विपक्षी दल इसका पुरजोर विरोध करते हुए राज्य के लोगों से एकजुट होकर आंदोलन शुरू करने का आह्वान कर रहे हैं।
सबसे अधिक मुखर विरोध अखिल असम छात्र संघ (आसू) के साथ ही अन्य छात्र संगठन और गैर राजनीतिक संगठन कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से राज्य के विभिन्न जिलों में सीएए के विरूद्ध आसू के नेतृत्व में 30 जनगोष्ठी संगठन आंदोलन कर रहे हैं। अब जबकि यह कानून लागू हो गया है तो इसको लेकर और भी विरोध की लहर तेज हो गयी है।
वहीं कांग्रेस पार्टी सीएए को राज्य में लोकसभा चुनावों में एक राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया, राइजर दल के विधायक अखिल गोगोई आदि नेता सीएए को असम विरोधी बताते हुए कह रहे हैं कि इस कानून के चलते असमिया भाषा, संस्कृति और स्थानीय लोगों का एकाधिकार समाप्त हो जाएगा। इसलिए इस कानून का पुरजोर विरोध जरूरी है।
राज्य के नगांव, नलबाड़ी, गोलाघाट, जोरहाट, शिवसागर समेत अन्य जिलों में आसू समेत विभिन्न संगठन सीएए का विरोध कर रहे हैं। शिवसागर जिला शहर में कृषक मुक्ति संग्राम समिति ने सीएए के विरोध में प्रदर्शन जारी रखा है। इससे शिवसागर में चौतरफा बंद सरीखा माहौल देखा जा रहा है। दुकानें भी बंद नजर आ रही हैं।
शिवसागर में प्रदर्शनकारियों ने दलमुख चाराली से बस स्टैंड तीनाली तक आज विरोध मार्च किया, व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद करा दिया, जिसके चलते सामान्य जन-जीवन प्रभावित होता नजर आ रहा है। इस बीच, पुलिस और प्रदर्शन स्थल पर मौजूद मजिस्ट्रेट के साथ प्रदर्शनकारियों की बहस हो गई। पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार कर सदर थाने भेज दिया।