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(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
मथुरा।इतिहास से छेड़छाड़ करना महंगा पड़ सकता है! समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ मथुरा के एमपी-एमएलए कोर्ट में वाद दायर किया गया है। उन पर राष्ट्र नायक राणा सांगा पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप है। यह मुकदमा सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट रीना एन सिंह और कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर ने दायर किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। मामला तूल पकड़ चुका है और पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है।
वकील रीना एन सिंह ने सांसद के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि मुगल आक्रांता बाबर के बारे में सबसे प्रामाणिक दस्तावेज बाबरनामा में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि बाबर को राणा सांगा ने भारत बुलाया था। बल्कि, इसमें साफ लिखा है कि बाबर को सिर्फ राणा सांगा से डर था। ऐसे में, सांसद का बयान ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने की साजिश है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस वाद को मथुरा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष किशन सिंह के माध्यम से दाखिल किया गया। केस दर्ज होते ही यह मामला गरमाने लगा है। राजपूत समाज और इतिहास प्रेमियों में भारी आक्रोश है। सोशल मीडिया पर भी सांसद रामजीलाल सुमन के बयान की तीखी आलोचना हो रही है और लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर क्यों बार-बार भारत के महान योद्धाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है?
कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर ने भी सांसद की टिप्पणी को देश की वीर परंपरा का अपमान बताया और कहा कि यह सिर्फ राणा सांगा नहीं, बल्कि पूरे भारतीय इतिहास पर हमला है। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी राष्ट्रनायकों का अपमान न कर सके।
अब सवाल यह है कि अदालत इस मामले में क्या रुख अपनाएगी? क्या सांसद को अपनी टिप्पणी पर सफाई देनी पड़ेगी या कानूनी कार्रवाई झेलनी होगी? देश की निगाहें अब इस केस पर टिकी हुई हैं।