हीरक बणिक, रामकृष्णनगर, 17 अक्टूबर:
रामकृष्णनगर के बरूआला ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत जियो टैगिंग प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं। शिकायत है कि टिकटों (पैसों) के लेनदेन के आधार पर जियो टैगिंग की जा रही है, जिससे वास्तविक गरीब लाभार्थी प्रधानमंत्री आवास के पक्के घर से वंचित रह जा रहे हैं।
सरकार जहां गरीब परिवारों को चिन्हित कर नवनिर्मित जियो टैगिंग प्रक्रिया के माध्यम से उन्हें पक्का मकान उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है, वहीं रामकृष्णनगर प्रखंड के कुछ पंचायतों में यह प्रक्रिया भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई है।
इसी आरोप को लेकर बरूआला ग्राम पंचायत के 6 नंबर वार्ड के कुरिकाला और नालारपार गांव के सैकड़ों लोगों ने गुरुवार को भैरवनगर विकास खंड कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि दलालों द्वारा पैसे की मांग पूरी न कर पाने के कारण वास्तविक गरीबों के नाम हटा दिए जा रहे हैं, और उनकी जगह आर्थिक रूप से सक्षम लोगों के कच्चे घरों को जियो टैगिंग कर दिखाया जा रहा है ताकि वे पक्का मकान का लाभ उठा सकें।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस तरह की गड़बड़ी से पंचायती राज व्यवस्था की साख धूमिल हो रही है और सरकार की गरीब हितैषी योजनाएं जमीन पर असफल होती जा रही हैं।
प्रदर्शनकारियों ने राज्य के पंचायती राज मंत्री रंजीत दास और मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा से तत्काल उच्चस्तरीय जांच की मांग की है, ताकि जियो टैगिंग में हुए भ्रष्टाचार को उजागर कर वास्तविक पात्र गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जा सके।





















