रामकृष्णनगर, 16 जुलाई:संस्कृत भारती दक्षिण असम प्रांत के तत्वावधान में रामकृष्णनगर कॉलेज परिसर में मंगलवार को सात दिवसीय आवासीय संस्कृत सम्भाषण (संवाद) प्रवोधन वर्ग का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन श्रीभूमि लोकसभा सांसद कृपानाथ मल्लाह ने माँ सरस्वती एवं भारत माता की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया।
इस अवसर पर असम विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के प्रमुख प्रो. शांतिपोखरेल, दक्षिण असम प्रांत के प्रांताध्यक्ष तपमय भट्टाचार्य, प्रांत मंत्री गौतम चक्रवर्ती, कॉलेज प्रतिनिधि दीपंकर दास, वर्ग संचालन समिति के सचिव दीपंकर पाल एवं अन्य गणमान्य अतिथिगण उपस्थित थे।कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण व अतिथि परिचय से हुई, जिसे सह-संपादक बप्पा देवनाथ ने प्रस्तुत किया। प्रास्ताविक भाषण में गौतम चक्रवर्ती ने संस्कृत भाषा की वर्तमान सामाजिक प्रासंगिकता और संस्कृत भारती के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
प्रो. शांतिपोखरेल ने कहा, “संस्कृत केवल भाषा नहीं, भारत की आत्मा है। यह भारतीय भाषाओं की जननी है। संस्कृत भारती केवल भाषा नहीं सिखाती, यह अनुशासन, समयपालन, संगठन कौशल, देशप्रेम और आत्मबोध भी सिखाती है।”
मुख्य अतिथि सांसद कृपानाथ मल्लाह ने कहा, “संस्कृत किसी एक धर्म की भाषा नहीं, यह पूरे भारतवर्ष की साझा विरासत है। नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों की गौरवशाली परंपरा और शिक्षा व्यवस्था हमारी धरोहर रही है। मुग़ल और फिर ब्रिटिश शासन के समय हमारी सांस्कृतिक जड़ों को क्षति पहुँची। अंग्रेज़ों ने समझा था कि जब तक भारतीय संस्कृति और संस्कार जीवित हैं, भारत को पूर्ण रूप से अधीन नहीं किया जा सकता।”
संस्कृत गांव पर प्रकाश डालते हुए असित चक्रवर्ती ने कहा, “जब कार्य के सिलसिले में त्रिपुरा, मिजोरम या डिमा हासाओ जाता हूँ, तो गर्व से कहता हूँ कि हमारे रामकृष्णनगर के पास एक ऐसा गांव है, जहाँ बच्चे, वृद्ध और किसान भी संस्कृत में बातचीत करते हैं। यह सब संस्कार और नियमित अभ्यास का परिणाम है।”तपमय भट्टाचार्य ने कहा, “यदि कोई व्यक्ति संस्कृत भाषा में अपना परिचय देता है तो उसमें कोई अपमान की बात नहीं है। यह हमारी अपनी भाषा है, भारतीय आत्मा की भाषा है।”
कार्यक्रम में दीपश्री नाथ ने सुंदर संस्कृत गीत प्रस्तुत किया, और मंच संचालन का कार्य मानसी नाथ ने किया। धन्यवाद ज्ञापन वर्ग संचालन समिति के सचिव दीपंकर पाल ने किया।समारोह के उपरांत सांसद कृपानाथ मल्लाह एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों ने कॉलेज के प्रदर्शनी कक्ष का अवलोकन भी किया।





















