19 Views
हीरक बनिक, रामकृष्णनगर, २६ नवम्बर
रामकृष्णनगर थाना क्षेत्र में लगातार बढ़ते हुई चोरी की घटनाओं ने आम जनता में भारी दहशत फैला दी है। पिछले कुछ हफ्तों में एक के बाद एक गाय चोरी होने से ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है। कृषि-आधारित इस इलाके में गाय न केवल संपत्ति, बल्कि कई परिवारों की जीविका का प्रमुख आधार है। ऐसे में दिनदहाड़े या रात के अंधेरे में मवेशी चोरी हो जाना लोगों में आक्रोश और असुरक्षा की भावना बढ़ा रहा है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि संगठित गिरोह बिना नंबर की चारपहिया वाहनों और बिना नंबर वाले ऑटो-रिक्शा से घरों और खेतों से गाय उठा ले जा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इतनी बड़ी मात्रा में परिवहन होने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई सख्त कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। कहीं घर के पीछे की बांसवारी तोड़कर, तो कहीं खुले मैदान से गाय उठाकर चोर चंपत हो जा रहे हैं। कई मामलों में तो चोर मालिक की आंखों के सामने ही फरार हो जाते हैं। पीड़ित परिवारों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही और ढिलाई के कारण ही चोर गिरोह और अधिक सक्रिय हो गया है। शिकायत दर्ज कराने पर पुलिस की ओर से “जांच जारी है” कहकर औपचारिक जवाब दिया जा रहा है, लेकिन जांच कहां तक पहुंची—यह किसी को समझ नहीं आ रहा। लोगों के अनुसार यदि प्रशासन रात में गश्त बढ़ाए, कड़ी निगरानी रखे और संदिग्ध वाहनों पर कार्रवाई करे, तो स्थिति काफी हद तक सुधर सकती है। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि ग्रामीण रात में घरों में चैन से सोने तक डर रोहे है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गांवों में पर्याप्त स्ट्रीट लाइट और सीसीटीवी कैमरे नहीं होने से चोर गिरोह आसानी से अपनी वारदात को अंजाम दे रहा है। बिना नंबर वाले वाहनों की पहचान करना भी मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि नियमित पेट्रोलिंग नहीं होने से अपराधियों के हौसले और बढ़ रहे हैं।पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुछ संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है और मुख्य सरगनाओं की तलाश जारी है, लेकिन लोगों को इन आश्वासनों पर भरोसा नहीं है। उनका कहना है—“चोर पकड़े कब जाएंगे ? केवल आश्वासन देने से स्थिति नहीं सुधरेगी।” स्थानीय जागरूक नागरिकों का मानना है कि केवल चोरों को पकड़ना ही समाधान नहीं है; प्रशासन को समन्वित कदम उठाने होंगे— जैसेकी
1. रात में गश्ती बढ़ाई जाए
2. बिना नंबर वाले वाहनों पर विशेष अभियान चले
3. गांवों में आधुनिक निगरानी प्रणाली स्थापित की जाए
4. चोरी रोकने के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाई जाए
5. पुलिस की जवाबदेही तय हो
ग्रामीणों का स्पष्ट संदेश है कि यदि प्रशासन तत्काल कदम नहीं उठाता, तो आने वाले दिनों में गाय चोरी की घटनाएं और भयावह रूप ले सकती हैं, जिससे सामाजिक और आर्थिक जीवन पूरी तरह प्रभावित होगा। अब रामकृष्णनगर के लोगों के मन में सिर्फ एक ही सवाल_
“गाय चोरी गिरोह का बढ़ता आतंक क्या प्रशासन की नाकामी का परिणाम है ? या इसके पीछे कोई और गहरी साजिश छिपी है ?” फिलहाल, पूरे क्षेत्र में चर्चा का केंद्र यही है कि प्रशासन कब और कैसे कड़ी व दृश्यमान कार्रवाई करता है।





















