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हीरक बनिक, रामकृष्णनगर, २ दिसम्बर: देशभर के सरकारी और निजी बैंकों को भारत सरकार समय-समय पर यह स्पष्ट निर्देश देती है कि किसी भी ग्राहक को लोन देने की प्रक्रिया में कड़े नियम और मानकों का पालन अनिवार्य है। ताकि कोई भी व्यक्ति गलत जानकारी या अवैध तरीके से लोन प्राप्त न कर सके। लेकिन इसके बावजूद समाज का एक हिस्सा कुछ दलालों के बहकावे में आकर त्वरित लोन प्राप्त करने के लालच में पड़ जाता है। ऐसे ही एक मामले ने रामकृष्णनगर क्षेत्र में व्यापक चर्चा छेड़ दी है। बैंक मैनेजर की सतर्कता से बची बड़ी धोखाधड़ी। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, रामकृष्णनगर स्टेट बैंक शाखा में पिछले एक वर्ष से नीलांजन आचार्य बतौर मैनेजर अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। उनके कार्यभार संभालने के बाद से बैंक में अनियमितताओं पर लगभग पूरी तरह रोक लग गई है। रिकॉर्ड की मामूली त्रुटि मिलने पर भी वे लोन आवेदन तुरंत खारिज कर देते हैं। इसी वजह से किसी भी दलाल के लिए इस शाखा में गलत तरीके से लोन करवाना लगभग असंभव हो चुका है। लेकिन हाल ही में हाइलाकांदी से आए दो दलालों को बैंक के आसपास संदिग्ध रूप से घूमते देखा गया। आरोप है कि हाइलाकांदी जिले के ये दलाल दो अलग-अलग क्षेत्रों के दो ग्राहकों को लोन दिलाने के नाम पर सक्रिय थे और उनसे पैसे लेकर जालसाजी वाले दस्तावेज़ तैयार करवाए थे। जालसाज दस्तावेज़ की पोल तब खुली जब बैंक मैनेजर नीलांजन आचार्य लोन से संबंधित फाइलों की जांच कर रहे थे, तभी उन्हें दोनों आवेदनों में गंभीर गड़बड़ियों का पता चला। दस्तावेज़ों में स्पष्ट जालसाजी का संकेत था। संदेह होने पर उन्होंने दोनों ग्राहकों को बैंक में बुलाया, लेकिन पूछताछ के दौरान दोनों ही कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
अंततः दोनों ग्राहकों ने स्वीकार किया कि हाइलाकांदी के दलालों ने उन्हें “आसानी से लोन दिलाने” का झांसा दिया था और इसी लालच में उन्होंने उन पर भरोसा कर लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए बैंक मैनेजर नीलांजन आचार्य ने तुरंत रामकृष्णनगर थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने दलाल चक्र के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि बहुत जल्द इस दलाल नेटवर्क को कानूनी शिकंजे में कसकर न्यायालय में पेश किया जाएगा। स्थानीय लोगों में संतोष, बैंक की सतर्कता की सराहना।
इस घटना ने स्थानीय स्तर पर बैंक प्रबंधन की ईमानदारी और सतर्कता के प्रति लोगों का विश्वास और मजबूत किया है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि ऐसे सख्त और जिम्मेदार अधिकारियों के कारण ही वित्तीय धोखाधड़ी रोकी जा सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, जांच की प्रक्रिया तेज कर दी गई है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।





















