रामकृष्णनगर | 22 जुलाई-प्रधानाचार्य विश्वजीत नाथ ने कहा— “मैं निर्दोष हूं। मेरे खिलाफ लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं। यदि कोई जांच होती है, तो मैं पूरा सहयोग करूंगा। मेरा मकसद स्कूल में पारदर्शिता और अनुशासन लाना है।”
रामकृष्ण नगर स्थित प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था रामकृष्ण विद्यापीठ हायर सेकेंडरी स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य विश्वजीत नाथ पर हाल ही में कुछ कथित गड़बड़ियों के आरोप लगाए गए थे, जिन्हें उन्होंने सिरे से खारिज करते हुए “पूरी तरह से झूठे और बेबुनियाद” बताया है।
इस संबंध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानाचार्य श्री नाथ ने स्पष्ट किया कि तीन दिन पूर्व एक स्थानीय समाचार माध्यम द्वारा उनके विरुद्ध कई संगीन आरोप लगाए गए, जिनमें प्रवेश प्रक्रिया, मिड-डे मील योजना और अन्य प्रशासनिक विषय शामिल थे। उन्होंने कहा कि ये आरोप उन्हें बदनाम करने और स्कूल की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा हैं।
श्री नाथ ने बताया कि जिस दिन यह मामला मीडिया में सामने आया, वह शनिवार का दिन था और वे स्कूल में उपस्थित नहीं थे। उसी दिन शाम को उन्हें जानकारी मिली कि कुछ पत्रकार स्कूल में पहुंचे हैं। जब स्कूल के जूनियर असिस्टेंट नीलमणि नाथ ने उन्हें फोन किया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि उनकी अनुमति के बिना किसी को स्कूल परिसर में प्रवेश न दिया जाए। इसके बावजूद कुछ शिक्षक-शिक्षिकाओं ने उन्हें सूचित किया कि पत्रकार न केवल परिसर में घूम रहे हैं, बल्कि कुछ लोगों का इंटरव्यू भी ले रहे हैं।
इसके बाद एक न्यूज़ चैनल के पत्रकार ने उन्हें फोन कर लाइव साक्षात्कार में जोड़ने की बात कही। पत्रकारों के अनुसार, स्कूल में कुछ प्राइवेट स्कूल के छात्र बिना उचित प्रक्रिया के पढ़ रहे हैं। इस पर प्रधानाचार्य ने स्पष्ट किया कि सभी छात्रों का नाम विधिवत स्थानांतरण प्रमाणपत्र (TC) के माध्यम से दर्ज है, और यह आरोप पूरी तरह से गलत है।
मिड-डे मील से संबंधित आरोपों पर उन्होंने कहा कि यदि किसी को गुणवत्ता या छात्र संख्या को लेकर कोई संदेह है तो वे स्वयं आकर निरीक्षण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे केवल पाँच महीने पहले ही कार्यभार संभाले हैं, और इतने कम समय में इतने आरोप लगना दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रधानाचार्य ने यह भी कहा कि जब किसी के निजी स्वार्थ को ठेस पहुंचती है, तभी ऐसे आरोप लगाए जाते हैं। उन्होंने प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी और सख्त बनाया, जिससे कुछ लोगों के मनमाफिक प्रवेश नहीं हो पाए। यही असंतोष अब उनके खिलाफ आरोपों के रूप में सामने आ रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि यदि किसी को शिकायत है और वह शिक्षा विभाग तक पहुँचा दी जाती है, तो वे पूरी तरह जांच के लिए तैयार हैं और हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि निर्णय लेना शिक्षा विभाग का काम है, और बाहरी लोगों को इस पर अनावश्यक हंगामा नहीं करना चाहिए।
इस प्रेस वार्ता में स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष राहुल देव, शिक्षिका मुनमुन पंत दास, समिति सदस्य मृगांक दत्त चौधुरी, सुधांशु रंजन नाथ, सहायक शिक्षक बप्पा दास, देबांजन नाथ, काजल दास समेत कई शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद थीं। सभी ने प्रधानाचार्य के समर्थन में एकजुटता दिखाई और इस तरह के बेबुनियाद आरोपों की निंदा की।





















