६ अप्रैल, शिलचर // रामनगर में हाल ही में हुए दर्दनाक सड़क हादसे में एक और जान चली गई। हादसे में अपनी पत्नी और आठ वर्षीय बेटे को खोने के बाद, गंभीर रूप से घायल निहारुल हक ने सिलचर मेडिकल कॉलेज में चार दिनों तक जिंदगी से संघर्ष किया, लेकिन शनिवार को उनकी भी मृत्यु हो गई।
यह भीषण सड़क दुर्घटना अब तक चार लोगों की जान ले चुकी है, जिनमें एक बच्चा और एक युवती भी शामिल हैं। हादसे के तुरंत बाद ट्रैफिक पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए घायलों को घटनास्थल से निकालकर मेडिकल सेंटर पहुंचाया था।
हालांकि पीड़ित परिवारों ने इलाज में देरी और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर गहरी नाराज़गी जताई है। उन्होंने मीडिया के समक्ष अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि हादसे के बाद मेडिकल ट्रांसफर और इलाज की प्रक्रिया में कई खामियाँ रहीं, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
परिजनों की मानें तो यदि समय पर और समुचित इलाज मिला होता, तो शायद जानें बचाई जा सकती थीं। इस हादसे ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि प्रशासन की तैयारियों पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
– प्रेरणा भारती संवाददाता





















