अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होंगे. प्रभु राम के विराजमान होने के साथ-साथ उनकी पूजा पद्धति को लेकर भी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नए सिरे से तैयारी कर रहा है. भगवान राम के पूजा पद्धति को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट एक ग्रंथ यानी कि एक पोथी की रचना तैयार की है. नूतन पोथी के मुताबिक ही रामलाला के पूजन पद्धति और भोग आरती की जाएगी. उसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 20 नए अर्चक की नियुक्ति भी करेगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वरिष्ठ सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर में अर्चक के लिए 3000 से ज्यादा आवेदन आया था. उसमें से पहलE आधार हमने उम्र का लिया था. जिसमें 20 से 30 वर्ष के वेदपाठी विद्यार्थी शामिल थे और दूसरा आधार था 84 कोसी परिक्रमा के अंतर्गत आने वाले आसपास के जिलों के वेदपाठी विद्यार्थी तीसरा आधार था. रामानंद संप्रदाय से दीक्षित हो और चौथा था कि वह शिक्षा और गुरु से परपूर्ण हो, ऐसे-ऐसे चार-पांच बिंदु बनाकर अर्चाको को देखा गया है.
अनिल मिश्रा ने बताया कि बीते दिनों बहुत बड़ी संख्या में अर्चक आए और उनका इंटरव्यू हुआ और जल्द ही रिजल्ट बनकर आएगा. उसके बाद 20 लोगों को चयनित किया जाएगा. चयन प्रक्रिया होने के बाद आगामी 6 माह तक अर्चकों का प्रशिक्षण शुरू होगा. अर्चक को प्रशिक्षण देने के लिए पाठ्यक्रम भी तैयार हो चुका है. 20 अर्चक को रहने खाने की नि:शुल्क व्यवस्था होगी. साथ ही उन्हें आगामी 6 माह तक 2 हज़ाए रूपए प्रति माह वेतन भत्ता भी दिया जाएगा.