जबलपुर. देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि न्यायापालिका का न्याय इतना महंगा न हो कि यह आम आदमी से दूर हो जाए. इसके लिए संस्थागत प्रयासों को मजबूती देने की जरुरत है. इस विश्वास के साथ जो न्याय भवन तैयार होगा तो न्यायाधीश, अधिवक्ता व कर्मचारी मिलकर अपने कर्तव्यों के निर्वहन करने की नई उर्जा देगा. राष्ट्रपति ने आज मध्यप्रदेश दौरे पर रही, उक्ताशय की बात उन्होने ट्रिपल आईटीडीएम के ऑडिटोरियम जबलपुर में नए हाईकोर्ट भवन के शिलान्यास के मौके पर कही. राष्ट्रपति का स्वागत मध्यप्रदेश हाई कोर्ट चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने पुष्प गुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया. जस्टिस शील नागू ने राज्यपाल को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मां नर्मदा के पावन तट पर स्थित जबलपुर में आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है. यह भवन समय की मांग है. मुझे बताया गया है कि नया भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा, इसमें न्यायाधीशों व मुख्य न्यायाधीशों के कोर्ट रूम, कांफ्रेस रूम, अधिवक्ताओं के लिए, महिला अधिवक्ताओं के लिए भी एक अलग रूम प्रस्तावित है. महिला का सशक्तिकरण भारत के लिए महत्वपूर्ण है. न्याया पालिका भी समाज का ही हिस्सा है इसीलिए मुझे लगता है कि यहां भी महिलाओं की समुचित भागीदारी होना चाहिए. महिला में न्याय करने का नैसर्सिंग भाव होता है. इसलिए कहा जाता है कि एक मां अपने बच्चों के बीच भेदभाव नहीं करती. न्याय देने की प्रक्रिया किसी गणीतीय सूत्र के अनुसार नहीं है. इसलिए न्याय व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी भी न्यायपालिका में हितकारी होगी. मूर्मू ने जबलपुर न्यायालय के एक केस का जिक्र भी किया जो आज भी याद किया जाता है. उन्होने आगे कहा कि ऐसे जो लोग छोटे-मोटे अपराध में जेल में बंद है, उनके लिए न्यायपालिका व पुलिस को सोचाना चाहिए और समाधान का रास्ता निकालना चाहिए. यह पंच परमेश्वर का देश है, मेरा मानना है कि विवादों के समाधान की व्यवस्था को और मजबूत करना चाहिए. इससे न्यायपालिका का भी बोझ कम होगा. आज न्यायपालिका के सामने लंबित मामले, अंडर ट्रायल जैसे मामले हैं. एक अनुमान के अनुसार देश की निचली अदालतों में साढ़े चार करोड़ केस लंबित है. इनमें से कई तो 20 से 30 सालों से लंबित है. मुझे बताया गया है कि लंबित प्रकरणों को निपटाने के लिए मध्यप्रदेश में विशेष अभियान शुरू किया गया है. आज का शिलान्यास एक महत्वपूर्ण कदम है, इसके लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान व उच्च न्यायालय के पदाधिकारियों को बधाई देती हूं. इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शाम 4 बजे डुमना विमानतल पर स्वागत किया गया. उनकी अगवानी राज्यपाल मंगुभाई पटेल, सीएम शिवराजसिंह चौहान ने की. वे भारतीय वायुसेना के विमान से इंदौर से डुमना पहुंची थी.
राज्यपाल ने कहा हिन्दी में भी आए हाईकोर्ट के फैसले-
इस मौके पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि देशवासियों को न्याय पालिका पर गर्व है. हम सभी न्याय पालिका की निष्ठा का सम्मान करते हैं. आजादी के अमृतकाल में गर्व की बात है कि सबसे अच्छी न्याय व्यवस्था भारत में कायम है. मेरी इच्छा है कि उच्च न्यायालय के फैसले भी हिन्दी भाषा में लाने के लिए प्रयास किए जाएं. उन्होने कहा कि देश जब आजादी के सौ साल मनाएगा तब हम आजादी के क्षेत्र में भी गर्व व सम्मान के साथ आगे बढ़ेगें. राज्यपाल ने कहा कि चाहे कोई गुनाहगार हो लेकिन किसी निर्दोष को सजा न हो जाए इसका भी ध्यान रखा जाए.
चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने कहा-
कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने कहा कि मैं चाहता हूं कि मेरे राज्य यानी मध्यप्रदेश का न्याय सिस्टम सबसे अच्छा हो, ताकि लोगों के साथ अन्याय ना हो सके. न्याय सिस्टम को ठीक करने के लिए हर दिन, हर घड़ी, हर पल मेहनत करना पड़ता है ताकि भविष्य में अच्छा रिजल्ट देख पाएं.
सीएम ने कहा ऐसा न्याय भवन बनाएगे कि 134 साल फिर जरुरत न पड़े-
इस मौके पर सीएम शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि हाईकोर्ट की बिल्डिंग 134 साल पुरानी थी. इसकी आवश्यकताएं भी बदल गई, बिल्डिंग के लिए माइक्रो प्लानिंग की गई है. उन्होने कहा कि हम ऐसा न्याय भवन बनाएंगे कि आने वाले 134 साल तक फिर भवन की जरूरत ना पड़े. मुख्यमंत्री ने चीफ जस्टिस व अन्य न्यायाधीश से मांग की है कि जिस तरह से कोविड के समय ऑनलाइन सुनवाई होती थी. उसी तरह टेक्नोलॉजी व नई व्यवस्थाओं के साथ फैसला लेना चाहिए, यह सोचना होगा. जो गंभीर मामले हैं उन पर किस तरह शीघ्र न्याय मिल सके, इस पर भी विचार किया जाना चाहिए.
डुमना विमानतल पर इन्होने किया राष्ट्रपति का स्वागत-
डुमना विमानतल पर राष्ट्रपति का स्वागत केंद्रीय जलशक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, मिनिस्टर इन वेटिंग प्रदेश के आयुष राज्य मंत्री रामकिशोर नानो कांवरे, सांसद राकेश सिंह, चीफ ऑफ स्टाफ मध्य भारत एरिया जनरल आरपी सिंह, विधायक अजय विश्रोई, नन्दिनी मरावी, अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी इंदु, जिला पंचायत सदस्य संतोष वरकड़े, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ जीतेन्द्र जामदार, संभागायुक्त अभय वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा, कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन, पुलिस अधीक्षक तुषार कांत विद्यार्थी, पूर्व मंत्री अंचल सोनकर, पूर्व महापौर स्वाति गोडबोले, भाजपा नगर अध्यक्ष प्रभात साहू, जिला अध्यक्ष ग्रामीण सुभाष तिवारी, प्रदेश मंत्री आशीष दुबे, प्रदेश कोषाध्यक्ष अखिलेश जैन ने किया.
ऐसा होगा हाईकोर्ट का नया 9 मंजिला भवन-
एमपी हाईकोर्ट का नया 9 मंजिला भवन में दो बेसमेंट होगें, जिसमें 400 कार की पार्किंग की व्यवस्था होगी. 60 कोर्ट रूम बनाने का प्रस्ताव ह, पहले चरण में 31 कोर्ट रूम बनाए जाएंगे. एक लाख 14 हजार 108 वर्ग मीटर में निर्मित किया जाएगा. विधि विभाग ने अगस्त 2023 को 460 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी थी. 9 मंजिला बिल्डिंग के प्रत्येक तल में कोर्ट रूम के अलावा वकीलों और सरकारी वकीलों सहित पक्षकारों की सुविधा के लिए आवश्यक सभागार भी बनेंगे.
ये सुविधाएं होगी-
हाईकोर्ट की एनेक्सी बिल्डिंग में रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम के अलावा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी. बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम, फायर अलार्म, फायर फाइटिंग सिस्टम, सीसीटीवीए डेटा नेटवर्किंग, ऑडियो विजुअल सिस्टम जैसी सुविधाएं भी रहेगी. 460 करोड़ रुपए की लागत से नई एनेक्सी बिल्डिंग के लिए पुरानी जिला अदालत व अन्य बिल्डिंग को तोड़ा जाएगा.