नई दिल्ली. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का विकास और इस्तेमाल जिस तेजी से हो रहा है. इसे लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लोगों को सबसे ज्यादा डर इस बात का लग रहा है कि क्या AI उनकी नौकरी छीन लेगा? अगर आपके मन में भी ऐसे सवाल उठ रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है. दरअसल, एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि UK में AI से नौकरियों पर संकट आ सकता है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि AI अभी शुरुआती फेज में है, जैसे-जैसे इसका विस्तार होगा इमर्जिंग देशों पर भी इसका असर दिखेगा. आइए आपको विस्तार से बताते हैं रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ है.
IPPR की रिपोर्ट से अलग हटकर यूके शिक्षा विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, प्रबंधन सलाहकारों और व्यवसाय विश्लेषकों, लेखाकारों और मनोवैज्ञानिकों के साथ शिक्षण व्यवसायों में एआई से खतरा ज्यादा बताया गया है. वहीं फाइनेंस और इंश्योरेंस सेक्टर किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में एआई के संपर्क में ज्यादा हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई के संपर्क में आने वाले अन्य क्षेत्र इंफॉर्मेशन-कम्यूनिकेशन, प्रोफेशनल, वैज्ञानिक, सार्वजनिक प्रशासन और रक्षा व एजुकेशन है.
पीए मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक पॉलिसी रिसर्च (आईपीपीआर) की रिपोर्ट ने जेनेरिक एआई अपनाने के दो प्रमुख चरणों की पहचान की है पहली लहर, जो पहले से ही चल रही है, और दूसरी लहर जिसमें कंपनियां एआई तकनीक को अपनी प्रक्रियाओं में अधिक गहराई से शामिल करेंगी – एक ऐसा चरण जिस पर यह 59 प्रतिशत तक का सुझाव देता है. यदि कोई हस्तक्षेप नहीं होता है तो कर्मचारियों द्वारा किए गए कार्यों को एआई के करने से खतरा हो सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली लहर के दौरान बैक ऑफिस, प्रवेश स्तर और अंशकालिक नौकरियों के बाधित होने का सबसे अधिक जोखिम था – जिसमें सचिवीय, ग्राहक सेवा और प्रशासनिक भूमिकाएं शामिल थीं – महिलाओं और युवाओं के प्रभावित होने की सबसे अधिक संभावना थी क्योंकि वे अधिक थे. उन भूमिकाओं में होने की संभावना है. इसके अलावा कम सैलरी वाले लोगों को एआई के आने से सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है.
एआई की दूसरी लहर से करीब 80 लाख नौकरियों पर खतरा होगा और कोई जीडीपी नहीं होगी. हालांकि रिपोर्ट बताती है कि अगर सरकार और इंडस्ट्री एआई का उपयोग बढ़ने के साथ श्रमिकों की सुरक्षा में सक्रिय हैं, तो पर्याप्त आर्थिक लाभ हो सकता है. दूसरी लहर के लिए इसके सबसे अच्छे परिदृश्य में कहा गया है कि कोई भी नौकरी नहीं जाएगी क्योंकि उन्हें एआई के साथ काम करने के लिए बढ़ाया गया है, जिसके बारे में दावा किया गया है कि इससे GDP में हर साल लगभग £306 बिलियन (US$386 बिलियन) यानी 13 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हो सकती है.
AI साबित हो सकता है गेम चेंजर- आईपीपीआर के वरिष्ठ अर्थशास्त्री कार्स्टन जंग ने के मुताबिक पहले से मौजूद जेनरेटिव एआई बड़े लेबर मार्केट में व्यवधान पैदा कर सकता है या यह आर्थिक विकास को काफी बढ़ावा दे सकता है, किसी भी तरह से यह हममें से लाखों लोगों के लिए गेम चेंजर साबित होगा. कई कंपनियां इसमें पहले से ही इसमें निवेश कर रही हैं, और इसमें कई और कार्यों को गति देने की क्षमता है क्योंकि अधिक व्यवसाय इसे अपनाते हैं.
इससे पहले जनवरी महीने में इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की चीफ क्रिस्टेलिना ज्योर्जिवा ने कहा था कि AI दुनियाभर में जॉब सिक्योरिटी के लिए बड़ा रिस्क पैदा कर सकता है. उन्होंने ये भी कहा था कि चुनौतियों के साथ ही इसमें अपार अवसर भी हैं, जिससे प्रोडक्टिविटी को बढ़ाया जा सकता है और ग्लोबल ग्रोथ को बूस्ट दिया जा सकता है. ज्योर्जिवा ने कहा था कि AI दुनियाभर में 60 प्रतिशत जॉब्स को प्रभावित कर सकता है.