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धर्मपरायण एवं समाजसेवी जय कुमार बरङिया की पुत्री रूचि बरङिया ने तेले की तपस्या की जिसकी समाज ने अनुमोदना की।
दिन में गीत का आयोजन किया गया तथा रात में भजन संध्या आयोजित की गई। सामाजिक एवं धार्मिक परंपरा के अनुसार सभी आयोजन किए गए।
मेहरपुर के जैन मंदिर में भगवान् के दर्शन करने के बाद अपने निवास मनोरंजन कांप्लेक्स में सभी लोगों ने पारणा किया।
उल्लेखनीय है कि जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ का उपासक बरङिया परिवार सदैव धर्म कर्म एवं समाजसेवा में अग्रणी भूमिका निभाता है।