मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से युद्ध चल रहा है. दूसरी ओर रूस में आलोचकों को दबाने का काम जारी है. इस बीच खबर है कि रूस ने पत्रकार और नोबेल पुरस्कार सह-प्राप्तकर्ता दिमित्री मुराटोव को विदेशी एजेंट घोषित कर दिया है. रूस के शीर्ष स्वतंत्र प्रकाशन नोवाया गजेटा के संपादक को निशाना बनाने वाला कदम सम्मानित नागरिक समाज संस्थानों पर व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है. यह यूक्रेन पर मॉस्को के हमले के साथ तेज हो गया है.
रूस के न्याय मंत्रालय ने फैसले को सही ठहराने के लिए कहा ‘दिमित्री मुराटोव ने रूस की विदेश और घरेलू नीति के प्रति नकारात्मक रवैया बनाने के उद्देश्य से राय फैलाने के लिए विदेशी प्लेटफार्मों का इस्तेमाल किया.’ मंत्रालय ने दिमित्री मुराटोव पर अन्य विदेशी एजेंटों से कंटेंट बनाने और उसे प्रचारित करने का भी आरोप लगाया.
वहीं नोवाया गजेटा की वेबसाइट पर कहा गया है कि ‘इसमें टिप्पणी करने के लिए क्या है? टिप्पणियों के लिए, न्याय मंत्रालय से संपर्क करें.’ इसमें कहा गया है कि विदेशी एजेंटों की सूची में अब 674 ‘योग्य’ लोग और संगठन शामिल हैं. बता दें कि विदेशी एजेंट का लेबल, जो सोवियत काल के ‘लोगों के दुश्मन’ शब्द की याद दिलाता है, भारी प्रशासनिक बाधाओं को जोड़ता है. इसमें धन के स्रोतों का खुलासा करने की आवश्यकता होती है.
इसके साथ ही यह विदेशी एजेंटों को सोशल मीडिया पोस्ट सहित सभी प्रकाशनों को एक टैग के साथ चिह्नित करने के लिए भी मजबूर करता है. इससे विदेशी एजेंटों और उनका कंटेंट शेयर करने वाले लोगों पर भारी जुर्माना लगने का खतरा है. यह पदनाम कठोर ‘अवांछनीय संगठन’ के साथ-साथ आलोचकों को चुप कराने के लिए क्रेमलिन द्वारा उपयोग किए जाने वाले कानून की एक श्रृंखला का हिस्सा है.




















