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लंगाई चाय बागान को बंद करने का निर्णय वापस, कांग्रेस के हस्तक्षेप से मजदूरों को राहत

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पाथरकांदी, 25 मार्च: शुक्रवार, 21 मार्च 2025 को जिला प्रशासनिक अधिकारियों और भारतीय चाय मजदूर संघ (BMS) के बीच हुई एक आपात बैठक में लंगाई चाय बागान को बंद करने का निर्णय लिया गया। प्रशासन ने बैठक में यह स्पष्ट किया कि सरकार के पास बागान संचालन के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं हैं, जिसके कारण इसे जारी रखना कठिन हो रहा था।

इस खबर के फैलते ही असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव और पाथरकांदी विधानसभा के संभावित कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप ग्वाला ने तुरंत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा को इस गंभीर मुद्दे से अवगत कराया। कांग्रेस अध्यक्ष ने बिना समय गंवाए इस मामले को गंभीरता से लिया और चाय मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए।

इस मुद्दे को लेकर भूपेन बोरा ने प्रेस वार्ता कर राज्य सरकार की नीति पर सवाल उठाए और मजदूरों के भविष्य को सुरक्षित करने की मांग उठाई। उनके प्रभावी हस्तक्षेप और विरोध के बाद मुख्यमंत्री को अपना रुख बदलना पड़ा और उन्होंने स्पष्ट किया कि लंगाई चाय बागान को बंद करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

इस महत्वपूर्ण फैसले से बागान में कार्यरत गरीब मजदूरों को राहत मिली और उनकी आजीविका बचाई जा सकी। कांग्रेस के इस हस्तक्षेप की बागान मजदूरों और चाय समुदाय ने खुले दिल से सराहना की। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि कांग्रेस हमेशा चाय बागान समुदाय के हितों की रक्षा के लिए तत्पर रहती है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा और प्रदीप ग्वाला के इस साहसिक कदम के लिए बागान क्षेत्र में प्रशंसा और समर्थन व्यक्त किया जा रहा है।

लंगाई चाय बागान बंद होने की अफवाह पर मुख्यमंत्री ने किया खंडन

श्रीभूमि, 25 मार्च: असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व शर्मा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लंगाई चाय बागान को लेकर चल रही भ्रामक अफवाहों पर स्पष्ट रूप से अपना पक्ष रखा। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार की लंगाई चाय बागान को बंद करने की कोई योजना नहीं है, बल्कि इसके पुनरुद्धार और राजस्व उत्पादन बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार श्रमिकों के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए उनके वेतन वृद्धि की योजना बना रही है। उन्होंने बागान के सभी श्रमिकों से अपील की कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकार द्वारा दी जा रही आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें।

इस संबंध में मुख्यमंत्री ने श्रीभूमि जिले के उपायुक्त को निर्देश दिया कि वे लंगाई चाय बागान के सभी श्रेणी के श्रमिकों से संवाद स्थापित करें और सरकार की ओर से उनके हितों की रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दें।

 

मुख्यमंत्री के इस स्पष्टीकरण से चाय बागान के श्रमिकों में व्याप्त चिंता दूर होने की उम्मीद है।

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