चंद्रशेखर ग्वाला लखीपुर, 18 फरवरी – लखीपुर को सह-जिले के रूप में एक नई उपलब्धि मिली है। कछाड़ जिले का दूसरा मूल्यांकन केंद्र अब लखीपुर में स्थापित किया गया है। यह केंद्र जोगाई मथुरा हायर सेकेंडरी स्कूल, बिन्नाकांदी घाट में स्थित होगा, जहां असम राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड (SEBA), प्रभाग-1 द्वारा अन्य जिलों से भेजी गई मैट्रिक उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की जाएगी।
गौरतलब है कि पहले कछाड़ जिले में केवल सिलचर के सरकारी गर्ल्स स्कूल में ही मूल्यांकन केंद्र था। अब लखीपुर में इस नए केंद्र की शुरुआत से न केवल क्षेत्र के शिक्षकों को एक नया मंच मिलेगा, बल्कि मूल्यांकन कार्य भी सुचारु रूप से संचालित किया जा सकेगा।
आज 18 फरवरी 2025 को जोन परीक्षकों, लेखा परीक्षकों और मुख्य परीक्षकों का परिचय कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें प्रशिक्षण दिया गया और औपचारिक रूप से नियुक्ति पत्र भी सौंपे गए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के प्रिंसिपल एवं जोनल प्रभारी शिल्पजीत पाल ने की।
उद्घाटन समारोह में गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण अवसर पर कछाड़ स्कूल इंस्पेक्टर एवं जोनल मॉनिटरिंग कमेटी के अध्यक्ष गणेश हरिजन, लखीपुर सह-जिला उपायुक्त, क्षेत्रीय निगरानी समिति की सदस्या पंखी हाजरिका, असम राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड के क्षेत्रीय सचिव विद्युत देव पुरकायस्थ, कछाड़ जिला संरक्षक एवं जिला शिक्षण परिषद के सचिव अमलेंदु सिंह, असम माध्यमिक शिक्षक एवं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रोसेनजीत भट्टाचार्य, सचिव सुरजीत आचार्य, असम हाई स्कूल शिक्षक संघ के अध्यक्ष दीदारुल तालुकदार, सचिव आबिदुर रहमान, जोन मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य सुबीर अधिकारी समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण एवं संबोधन
कार्यक्रम में प्राचार्य शिल्पजीत पाल, अमलेन्दु सिंह, विद्युत देव पुरकायस्थ, विद्यालय निरीक्षक गणेश हरिजन, सहायक आयुक्त पंखी हाजरिका सहित अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इस दौरान मूल्यांकन प्रक्रिया को लेकर विस्तृत चर्चा हुई और प्रशिक्षुओं को परीक्षा उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के मानदंडों के बारे में जानकारी दी गई।
रूपक पाल और सुबोध सिन्हा ने प्रशिक्षुओं को मूल्यांकन प्रक्रिया का गहन प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक अहमदुल हक ने किया।
लखीपुर के लिए ऐतिहासिक कदम
लखीपुर में यह नया मूल्यांकन केंद्र स्थापित होने से क्षेत्र के शिक्षकों को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा। साथ ही, इससे मूल्यांकन प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित, पारदर्शी और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
(प्रेरणा भारती दैनिक के लिए विशेष रिपोर्ट)