आज हमारे विशेष प्रतिनिधि ने लखीपुर विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया। ऐसा लग रहा था जैसे अभी से गांव में लोगों ने विजय जुलूस निकाल दिया है। तारापुर, नारायणपुर, शिवपुर, लावक, बड़थल, थाइलू, पैलापुल, दिलखुश, बिनाकांदी घाट, बिनाकांदी चाय बागान सर्वत्र भाजपा कार्यकर्ता और समर्थकों की पदयात्रा नजर आई। एक जोश, उत्साह से परिपूर्ण माहौल। कहीं कहीं कांग्रेस, एजेपी के अलीमुद्दीन और निर्दलीय थोइबा सिंह की प्रचार गाड़ी नजर आई। भाजपा कार्यकर्ताओं में जो जोश और उत्साह नजर आया, इस चुनावी मुकाबले में भाजपा कांग्रेस के ऊपर भारी नजर आई। अल्पसंख्यक क्षेत्रों में कांग्रेस का बोलबाला नजर आया। गांव, बागान बस्ती और टाउन का रुझान भारतीय जनता पार्टी की ओर जाता नजर आया। कांग्रेस छिट-पुट नजर आई। मणिपुरी एरिया में निर्दलीय थोइबा सिंह का प्रभाव दिखाई पड़ा किंतु भाजपा भी पीछे नहीं है। मणिपुरी डेवलपमेंट कौंसिल की सभानेत्री श्रीमती रीना सिंह ने कहा कि भाजपा ने चार बार मणिपूरी प्रत्याशी दिया, इसलिए मणिपुरी समाज का एक वर्ग इस बार भी भाजपा के पक्ष में वोट करेगा।
आजादी के बाद से लखीपुर कांग्रेस का गढ़ रहा, स्वर्गीय दिनेश प्रसाद ग्वाला लखीपुर से सात बार विधायक रहे, उनके उत्तराधिकारी राजदीप ग्वाला भी दो बार विधायक हुए। किंतु राजदीप ग्वाला के भाजपा ज्वाइन करने से लखीपुर में कांग्रेस की कमर टूट गई। कांग्रेस की हालत ऐसी थी कि उसके पास चुनाव लड़ने से लिए योग्य प्रत्यासी भी नहीं था। अंतिम क्षण में भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए पूर्व कांग्रेसी मुकेश पाण्डेय, जिन्होंने 2014 में यूडीएफ से उपचुनाव लड़ा था को प्रत्याशी बनाया। कांग्रेस का संगठन धराशाई है, यूडीएफ का कोई संगठन नहीं है, बस अल्पसंख्यक मतों का सहारा है। तेजस्वी यादव ने लखीपुर में जनसभा करके मुकेश पांडे के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया है।
भाजपा प्रत्यासी कौशिक राय राजनीति के बहुत ही मंजे हुए खिलाडी हैं। 3 बार भाजपा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं, चुनाव लड़ने और लड़ाने दोनों का अच्छा अनुभव है। संगठन पर अच्छी पकड़ है, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद है। उनके पीछे हिंदू संगठनों की ताकत है। उनके पक्ष में भोजपुरी के लोकप्रिय गायक मनोज तिवारी और आसाम सरकार के वरिष्ठ मंत्री डा. हिमंत विश्वशर्मा ने बड़ी रैलीयों से माहौल बना दिया है। लखीपुर के पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजदीप ग्वाला ने भी कौशिक राय के पक्ष में अपने सारे समर्थकों को मैदान में उतार दिए हैं।
लखीपुर विधानसभा का चुनावी गणित ऐसा है कि कुल 165000 मतदाता है। एक लाख हिंदू मतदाता, 48000 अल्पसंख्यक तथा 17 हजार अन्य मतदाता है। एक लाख हिंदू में पचपन हजार हिंदीभाषी और चाय जनगोष्टी के, 23,000 बांग्लाभाषी और 22000 मणीपूरी मतदाता है। जिस प्रकार अल्पसंख्यक मतदाताओं का ध्रुवीकरण कांग्रेस के पक्ष में हो रहा है, उसी प्रकार हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण भाजपा के पक्ष में हो रहा है। भाजपा के पक्ष में बंगलाभाषी, हिंदीभाषी, चाय जनगोष्ठी, मणिपुरी, जनजाति और और अल्पसंख्यको का एक वर्ग भी मैदान में है। कोशिक राय की सभाओं में उमड़ती भीड़ इस बात का संकेत दे रही हे कि इस बार लखीपुर में परिवर्तन होने वाला है।