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चंद्रशेखर ग्वाला लखीपुर 29 जनवरी : सरकारी राजस्व चोरी के लिए लखीपुर इलाके में चिरी नदी से अवैध रूप से बालू निकालने का आरोप लंबे समय से लगता रहा है।चिरी नदी से अवैध रूप से रेत खनन के खिलाफ लखीपुर रेंज अधिकारी रुआल रंगफ़र द्वारा कार्रवाई शुरू करते हुए सोमवार को रेत, पत्थर और लकड़ी लदी कई लारियां जब्त कर लिया गया।
पहले भी कई बार बालू से भरी गाड़ी को जब्त कर लखीपुर वन विभाग कार्यालय लाया गया था। इस बार जयपुर क्षेत्र के अंजन ग्वाला नामक व्यक्ति ने पट्टा भूमि पर जमा रेत एकत्रित करने का विभागीय परमिट लिया हुआ था। उसी परमिट की आड़ में सोनाई इलाके के एक राजनीतिक व्यक्ति यह अवैध रेत कारोबार जारी है। चिरी नदी के विभिन्न हिस्सों से स्वतंत्र रूप से,पच्चीस लोगों का समूह द्वारा रेत निकाली जा रही है। कई वर्षों से चिरी नदी में कोई आधिकारिक स्वीकृत रेत महाल नहीं है। तो ऐसा नहीं है कि रेत नहीं बढ़ रही है।
महाल की अवधि समाप्त होने के बावजूद अवैध रेत खनन करने वाले गिरोह सक्रिय हैं। अवैध कारोबारी उजान तारापुर से लेकर जयपुर-कनकपुर तक चिरी नदी के विभिन्न हिस्सों से बालू निकाल कर मशीनों या मजदूरों के जरिये बेच रहे है।वर्तमान रेंज अधिकारी रॉयल रोंगफर ने कार्यभार संभालने के बाद से कई बार अवैध रेत कारोबारियों के वाहनों को जब्त किया है। लकड़ी सहित अवैध पत्थर ढोने वाली गाड़ियां जब्त कर ली गईं। सोमवार को एक बार फिर तीन बालू भरी लॉरी, दो पत्थर ढोने वाले वाहन और एक लकड़ी तस्करी करने वाले वाहन को जब्त कर रेज पदाधिकारी द्वारा वन विभाग के लखीपुर कार्यालय ले जाया गया। ये वाहन वन विभाग के चालान के वगैर रेत ले जा रहा था।आरोप था कि पत्थर और लकड़ी की तस्करी की जा रही थी। आज दोपहर, एएस 11 एफसी-4066, एएस 11 ईसी-5011, एएस 11 ईसी-8671 वाली तीन लॉरियां और एएस 11 डीसी-6400 और एएस 11 डीसी-6208 पत्थर वाली लॉरियां जब्त की गईं। इसके अलावा एएस 11 डीसी-9187 बोलेरो पिकअप वैन में रखी कुछ लकड़ी को भी रेज पदाधिकारी ने जब्त कर लिया।





















